नाम- अक्षिता
निक नेम - पाखी
जन्म- 25 मार्च, 2007 (कानपुर)
मम्मी-पापा - श्रीमती आकांक्षा - श्री कृष्ण कुमार यादव
अध्ययनरत - नर्सरी, कार्मेल स्कूल, पोर्टब्लेयर
रुचियाँ- प्लेयिंग, डांसिंग, ड्राइंग, बाल कवितायेँ पढ़ना व लिखना, ब्लागिंग
मूल निवास - तहबरपुर, आजमगढ़ (यू.पी.)
वर्तमान पता - द्वारा- श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवा, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, पोर्टब्लेयर -744101
ई-मेल- akshita_06@rediffmail.com
ब्लॉग- पाखी की दुनिया
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पढ़िए मेरी प्यारी अक्षिता की यह कविता:
!! नन्हीं गौरैया !!
उड़कर आई नन्हीं गौरैया
लान में हमारे।
चूं-चूं करते उसके बच्चे
लगते कितने प्यारे।
गौरैया रोज तिनका लाती
प्यारा सा घोंसला बनाती।
चूं-चूं करते उसके बच्चे
चोंच से खाना खिलाती।
और अब उसकी दो ड्राईंग -
(1)
(2)
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44 comments:
चूं चूं करते बच्चे कहते गौरैया माँ से
ये पाखी तो हमारे जैसी ही है........
विस्तृत आकाश तुमको मिले पाखी
अक्षिता बिटिया को आशीर्वाद लिखते चलो, रचते चलो - पढ़ते चलो, कहते चलो - चलते चलते मन से ब्लॉगिंग करती चलो।
"चूं-चूं करते उसके बच्चे
लगते कितने प्यारे। "
सुंदर कविता ...
ईश्वर अक्षिता को खुशिया दे...
ब्लोग्गेर परिवार की हमारी गौरेया को आकाश मिले और मिले पंख को शक्ति !
रवीन्द्र अंकल जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कि आपने हमारी कविता व ड्राइंग को ब्लागोत्सव-2010 में स्थान दिया. आपका यह प्रयास नन्हें-मुन्ने ब्लोगर्स का भी उतना ही ख्याल रखता है, इसके लिए आपको ढेर सारा प्यार !! यहाँ रोज आती रहूंगी.
@रश्मि प्रभा आंटी,
@ अविनाश वाचस्पति अंकल,
@ अरुण सी. रॉय अंकल,
आप सभी के प्यार, आशीष और हौसलाफजाई के लिए धन्यवाद व ढेर सारा प्यार ! आपके आशीष की छाया में ब्लॉग जगत में यह नन्ही सी 'पाखी कि दुनिया' यूँ ही विचरण करती रहेगी.
..और हाँ मैं तो बताना भूल ही गई कि इस आयोजन की चर्चा मैंने आपने ब्लॉग 'पाखी कि दुनिया' पर भी की है और इसका लिंक भी दिया है.
बहुत सुन्दर पाखी बिटिया. आपकी चर्चा हर तरफ हो..आप खूब प्रगति करो.
उड़कर आई नन्हीं पाखी
ब्लागोत्सव में हमारे।
प्यारी-प्यारी उसकी ड्राइंग
लगती कितनी प्यारी .
...पाखी को ढेर सारा प्यार व आशीष कि आप यूँ ही उन्नति के पथ पर अग्रसर हों.
रवीन्द्र जी, आपके इस प्रयास की जितनी भी सराहना की जाय कम ही होगी. वाकई इस प्रकार के प्रयास ब्लॉग जगत को शिद्दत से जोड़ते हैं. आपकी पूरी टीम को हमारी शुभकामनायें. चूँकि इस उत्सव में पाखी के ब्लॉग पर दिए गए लिंक की बदौलत ही पहुंचा हूँ, अत: पाखी को भी हमारी शुभकामनायें. अभी से इतना सुन्दर प्रयास...लाजवाब.
अक्षिता बिटिया को आशीर्वाद....
आप खूब प्रगति करो...
पाखी को ढेर सारा प्यार व आशीष...
सुन्दर प्रयास. अक्षिता बिटिया को ढेरों शुभकामनायें व प्यार.
पाखी का गीत तथा ड्राइंग दोनों ही बहुत प्यारे हैं. अक्षिता (पाखी) के रूप में आपने भविष्य के ब्लोगर्स को भी पेश करना आरंभ किया है, इसके लिए बधाई.
अरे वाह!! समीर अंकल के साथ तो अक्षिता बिटिया को होना ही था:
गौरैया रोज तिनका लाती
प्यारा सा घोंसला बनाती।
चूं-चूं करते उसके बच्चे
चोंच से खाना खिलाती।
कितनी सुन्दर सुन्दर ड्राईंग लगाई है आपने. वेरी गुड मिला है आपको समीर अंकल की तरफ से.
इस उत्सव में बच्चों के शामिल होने से चार चाँद लग गये.
मान गए भाई इस प्यारी सी नन्हीं ब्लागर को..अभी तो इस उत्सव के कई रंग देखने बाकी हैं. एक तरफ इमरोज़ जी की ड्राइंग, इधर अक्षिता(पाखी) की ड्राइंग. कहते हैं ना किसी भी सभ्यता व संस्कृति के वाहक बच्चे ही होते हैं. अक्षिता (पाखी) को हार्दिक बधाई व आशीर्वाद.
पाखी की अभिव्यक्ति बहुत सुरीली है!
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रंग-रँगीला जोकर
माँग नहीं सकता न, प्यारे-प्यारे, मस्त नज़ारे!
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संपादक : सरस पायस
बहुत खूबसूरत,होन-हार विरवान के ....,मेरी शुभकामनायें.
आज तो पाखी की बल्ले-बल्ले है. पहले ही दिन ब्लागोत्सव में इंट्री मिल गई है. आपकी नन्हीं तूलिका का कमाल, उस पर से नन्ही गौरैया की चूँ..चूँ..भला किसे नहीं भाएगी. पाखी माने भी तो बंगाली में चिड़िया होता है, फिर पाखी बंगाल के समुद्र पर अंडमान में ही तो आजकल मम्मी-पापा के साथ रह रही है. खुशियाँ ही खुशियाँ.
बहुत सुन्दर अक्षिता जी. आप तो पूरी कलाकार व कवि निकलीं. बधाई.
अक्षिता!
तुम्हारी कविताएँ और चित्र दोनों बहुत भाए। मन तो करता है तुम्हारे साथ आ कर खेला जाए। कौन से खेल पसंद करती हो?
अद्भुत पाखी, कितने प्यारे-प्यारे चित्र बनाये और आपकी बाल कविता तो खूब गुनगुनाने का मन करता है.
अक्षिता बिटिया नन्ही प्यारी ,
कविता लिखती न्यारी न्यारी ...
बहुत सारा आशीर्वाद और शुभकामनायें....
चित्रकला भी बहुत खूबसूरत है....
रविन्द्र जी, आपका यह प्रयास स्तुत्य है. इसके लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.
****Beautifull****
पाखी की ड्राइंग देखो
कितना सुन्दर नजारा
कितनी प्यारी कविता लिखती
सारा जग फिर हारा
सबको भेजे इस उत्सव में
मैं जाऊं बलिहारी
पाखी तो सभी को लगे प्यारी-प्यारी
बहुत सुन्दर प्रस्तुति. उत्सव की बधाइयाँ. अक्षिता(पाखी) को विशेष बधाई. संयोजक प्रभात जी को इस शुभ कार्य के लिए नमन.
आप सभी के इस प्यार व स्नेह के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.
रवीन्द्र प्रभात जी, आपका यह नेक प्रयास सफलता के नए आयाम स्थापित करे. सभी ब्लागर्स को एकजुट करे और किसी न किसी रूप में और किसी न किसी रूप में प्रिंट मिडिया व इलेक्ट्रानिक मिडिया को भी आकर्षित करे की ब्लॉग की दुनिया वाकई कितनी खूबसूरत हो सकती है. आपके इस शुभ प्रयास में हम सभी आपके साथ हैं.
आपने प्यारी बिटिया पाखी को इस उत्सव में पहले दिन ही भागीदारी दी, यह आपका बड़प्पन है. ब्लागोत्सव-2010 से जुड़े सभी लोगों का साधुवाद व आभार !!
उत्तम अभिव्यक्ति!
paakhi, tum to bahut accha likhti ho aur drawing bhi khubsurat hai... bas ese hi aage badhti raho.. god bless u...
पाखी की कविताएँ और चित्र दोनों को वेरी गुड दने के लिए आप सभी लोगों का साधुवाद व आभार !!
अदभुत ! यह है सच्चा उत्सव !
आभार ।
ब्लॉग उत्सव 2010 में पाखी को देख कर प्रसन्नता हुई..बधाई व शुभकामनायें...
टाबरटोळी
बहुत खूब पाखी. ब्लागोत्सव में सबसे ज्यादा कमेन्ट तो आपकी ही ड्राइंग और कविता पर आये. पाखी है ही इत्ती प्यारी व न्यारी. खूब मस्ती करो और जमकर ब्लोगिंग करो.
वाह पाखी, ब्लागोत्सव में आपकी ड्राइंग एवं कविता तो कमाल की है. मेरी तरफ से आज मन भर आइसक्रीम और चाकलेट खाना.
पाखी रोज ड्राइंग बनाती
प्यारा सी कविता सुनाती
नन्हीं-मुन्नी प्यारी पाखी
हम सबका मन हर्षाती.
यह कविता मेरी तरफ से प्यारी पाखी के लिए. जरुर बताना कैसी लगी.
@ समीर अंकल,
सिर्फ वेरी गुड से काम नहीं चलेगा, चाकलेट भी चाहिए सबसे अच्छे वाले अंकल जी से.
@दिनेशराय द्विवेदी दादा जी,
धन्यवाद दादा जी..मुझे तो ढेर सारे गेम अच्छे लगते हैं, पर जो आपको अच्छा लगता है, वही खेलेंगें.
@ शरद कुमार अंकल जी,
आपकी कविता बहुत प्यारी व न्यारी है..
बहुत खूब, पाखी की अभिव्यक्ति तो सभी को खूब पसंद आई. अब तो पाखी को और मन से कोई काम करना चाहिए.
चित्र, कविता और इनकी रचनाकार तीनो अद्भुत, विलक्षण, बेमिसाल ...
नीरज
पाखी तो बहुत प्यारा चित्र बनाती हैं..और बाल गीत के क्या कहने ..बधाई.
खूबसूरत अभिव्यक्तियाँ..सुन्दर चित्र..प्यारी चिड़िया...और सबसे पढ़कर न्यारी अक्षिता...बधाई.
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