
जब घर से चले थे तो दिल्ली की गर्मी से निजात पाने की उम्मीद थी और दिल में था कुछ गुनगुनाता सामीठा मीठा संगीत मंद बहती हवा का एहसास और ॥आँखो में सपने थे ..पेडो से ढके पहाड़ की हरियाली और भी बहुत कुछ ...ख़ुद बा ख़ुद दिल किसी गीत की रचना करने लगा था
कल- कल बहती गंगा यही संदेश देती है चलते चलो- चलते चलो !!
बहती मस्त बयार , ठंडी जैसे कोई फुहार
लहराते डगमगाते पहाडी से रास्ते नयना ना जाने किसकी है राह तकते

सफ़र शुरू हुआ ... दिल्ली की गर्मी भी सफ़र में दूर दूर तक साथ चलती रही ... .शहर की भाग दौड़ से दूर दो पल शांत बिताने की चाहा हमे उतराँचल की गोद में ले गयी ... तेज़ गर्मी और लंबा सफ़र के बीच मोदी नगर की जैन शिकजी और चीतल रिसोर्ट ने हमारे सफ़र को कुछ मीठा सा बना दिया .... हरिद्वार और ऋषिकेश को पार करते हुए थोडा सा आगे हम कोडियल के गड़वाल रेस्ट हाउस तक जब पहुचे तो जैसे सफ़र की सारी थकावट गंगा के कल कल बहते पानी को देख कर उतरने लगी .. पर गरमी का असर यहाँ भी ख़ूब दिख रहा था .. हवा का एक झोंका नही ..
- ज़िंदगी जीने की चाहा में सब कुछ अपना बनाने की राह में यहाँ सब छूटा सा जाता है जंगल से पेडो का , मंद बहती समीरो का
साथ अब रूठा जाता है
कल- कल बहती गंगा यही संदेश देती है चलते चलो- चलते चलो !!
बहती मस्त बयार , ठंडी जैसे कोई फुहार
लहराते डगमगाते पहाडी से रास्ते नयना ना जाने किसकी है राह तकते

सफ़र शुरू हुआ ... दिल्ली की गर्मी भी सफ़र में दूर दूर तक साथ चलती रही ... .शहर की भाग दौड़ से दूर दो पल शांत बिताने की चाहा हमे उतराँचल की गोद में ले गयी ... तेज़ गर्मी और लंबा सफ़र के बीच मोदी नगर की जैन शिकजी और चीतल रिसोर्ट ने हमारे सफ़र को कुछ मीठा सा बना दिया .... हरिद्वार और ऋषिकेश को पार करते हुए थोडा सा आगे हम कोडियल के गड़वाल रेस्ट हाउस तक जब पहुचे तो जैसे सफ़र की सारी थकावट गंगा के कल कल बहते पानी को देख कर उतरने लगी .. पर गरमी का असर यहाँ भी ख़ूब दिख रहा था .. हवा का एक झोंका नही ..
- ज़िंदगी जीने की चाहा में सब कुछ अपना बनाने की राह में यहाँ सब छूटा सा जाता है जंगल से पेडो का , मंद बहती समीरो का

पर चारो तरफ़ पहाड़ से घिरे और गंगा के किनारे बसे इस रेस्ट हाउस ने हमे जैसे अपने मोह में बाँध लिया .... अगले दिन रफ्टिंग का जोश सबके चेहरे पर दिख रहा था ...बहुत ही रोमांचक लगता है गंगा की शीतल बहाव और तेज़ धारा में कूदना ..गर्मी होते ही दिल कुछ ठंडक पाने को मचल उठता है ...और तब दिल को तलाश होती है आस पास के उस ठंडे स्थान कि जहाँ दो पल सकून के मिल सके
वहाँ से मेरिन ड्राइव से शिवपुरी का रास्ता कई रॅपिड को पार करते हुए मेरे लिए तो बहुत ही नया और रोमांचक अनुभव रहा ..... उसके बाद भी कितनी देर हम यूँ ही गंगा की गोद में बैठे गर्मी को दूर करने में लगे रहे ....

हमारा अगला पडाव ओली था .. सुबह 5 बजे पहाड़ के उगते सूरज की लालिमा और कुछ हद तक ठंडी हवा में सफ़र शुरू हुआ ....
देवप्रयाग.श्रीनगर .. रुद्रप्रयाग और जोशीमठ तक कई सुंदर नज़ारे आँखो में बस गये ...जोशीमठ से 14 किलोमेटर उँचाई पैर स्केटिंग के लिए मशहूर ओली इस मौसम में अपने में अदभुत सुंदरता समेटे हुए हैं ..वहाँ बनी हट्स और उस के सब तरफ़ खिले सफ़ेद फूल , आस पास विशाल पहाड़ दूर किसी किसी छोटी पर अभी भी कुछ बर्फ़ दिख रही थी . जैसे हम से कह रहे थे की आओ कुछ देर हमारे साए में अपनी ज़िंदगी की सारी भाग दौड और परेशानी भुला दो ..बस कुछ पल सिर्फ़ यहाँ सुंदरता में खो जाओ ..भर लो बहती ताज़ी हवा जो शायद कुछ समय बाद यहाँ भी नही मिलेगी ..... बादलो के बीच में ट्राली का सफ़र जैसे बादलो के संग ही उड़ता सा लगता है ...

चेहरे को छूते बादल जैसे अपने स्पर्श से बता देना चाहते हैं की जो ठंडक उन में है वो आज के चलते ए-सी में नही " और यह पहाड़ जब सर्दी में सफ़ेद बर्फ़ से ढ़क जाते होंगे तो कितने सुंदर लगते होंगे इसका अंदाज़ा यहाँ पर बिखरी सुंदरता से आसानी से लगाया जा सकता है ....उपर कुछ पहाड़ो में लगे देवदार के पेड़ जैसे किसी समाधी में लीन लगे जो शायद यह तपस्या कर रहे थे की यूँ हमारी सुंदरता को बना रहने


सारी कायनत एक धुन्ध की चादर में खो रही है एक कोहरा सा ओढ़े यह सारी वादी सो रही है
गूँज रहा है झरनो में कोई मीठा सा तराना हर साँस महकती हुई इन की ख़ुश्बू को पी रही है
पिघल रहा है चाँद आसमान की बाहो में सितारो की रोशनी में कोई मासूम सी कली सो रही है
रूह में बस गया है कुछ सरूर इस समा का सादगी में डूबी यहाँ ज़िंदगी तस्वीर हो रही है
है बस यही लम्हे मेरे पास
मुस्कानसुंदरता यूँ ही रहने दे
हमारे दल का नन्हा यात्री मुस्कान ॥
इसके चेहरे की मुस्कान यही कहती है की मेरे बड़े होने तक यह सुंदरता यूँ ही रहने देना ।
6 comments:
दिलचस्प यात्रा वृतांत .......
अच्छा संस्मरण
रंजना जी की लेखनि का जबाब नहीं .. इन सुंदर चित्रो और यात्रा वृतांत ने इतनी गर्मी में भी शीतलता का अहसास दिया !!
रोचक वृतांत..ऐसा लगा हम भी यात्रा कर रहे हैं.
बहुत ज्ञानवर्धक एवं कुदरत की सुंदरता की ओर आकर्षित करता रोचक यात्रा वृत्तांत ! जी करता है आज ही निकल पड़ें !
रोचक वृतांत .... लगा हम भी यात्रा कर रहे हैं ...
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