जी हाँ, मातृभाषा हिंदी को मृत अथवा मात्र भाषा कहने वालों की बोलती बंद करने का समय आ गया है। हिंदी चिट्ठाकारिता के इतिहास में पहलीवार ब्लॉग पर उत्सव की परिकल्पना की गयी है । यह उत्सव १५ अप्रैल २०१० से शुरू किया जा रहा है, जो दो माह तक निर्वाध गति से परिकल्पना पर जारी रहेगा । इसका समापन हम विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देनेवाले चिट्ठाकारों के सारस्वत सम्मान से करेंगे । उत्सव के दौरान सारगर्भित टिपण्णी देने वाले श्रेष्ठ टिप्पणीकार को भी इस अवसर पर सम्मानित किये जाने की योजना है ।

कहा गया है कि उत्सव पारस्परिक प्रेम का प्रस्तुतिकरण है । इसीलिए हमारे इस सामूहिक उत्सव का मुख्या उद्देश्य है - " प्यार बाँटते चलो ...पञ्च लाईन है - अनेक ब्लॉग नेक हृदय... आईए हिंदी को एक नया आयाम दिलाएं , हम सब मिलकर ब्लॉग उत्सव मनाएं... ।"



इस उत्सव के परिप्रेक्ष्य में अबतक लगभग १०० चिट्ठाकारों की सहभागिता सुनिश्चित हो चुकी है , किन्तु हमारी कोशिश है ज्यादा....और ज्यादा .... ।

इसलिए जो चिट्ठाकार अभीतक इस उत्सव में शामिल नहीं हो सके हैं , वे अविलंब अपनी रचनाएँ संक्षिप्त परिचय और फोटो के साथ ravindra.prabhat @gmail.com पर प्रेषित कर दें ।

उत्सव का मुख्य आकर्षण-
दुष्यंत के बाद सर्वाधिक चर्चित गज़लकार श्री अदम गोंडवी उपस्थित हो रहे हैं अपनी दो ताज़ा-तरीन गज़लें लेकर ,उ० प्र० प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव श्री शकील सिद्दीकी साहब बताएँगे कि कैसे हिंदी ब्लोगिंग ने एक उत्तेजक वातावरण का निर्माण किया है ?,श्री समीर लाल जी बताने जा रहे हैं उड़न तश्तरी की कामयाबी का राज, हिंदी चिट्ठाकारिता में अपने अनुभवों से रूबरू कराने जा रहे हैं श्री ज्ञानदत्त पाण्डेय , हिंदी ब्लोगिंग के कई अनछुए पहलूओं को उजागर करेंगे श्री रवि रतलामी, हिंदी ब्लोगिंग की समृद्धि को आयामित करने के उपायों पर चर्चा करेंगे श्री शास्त्री जे० सी० फिलिप , अविनाश वाचस्पति, जी०के०अवधिया, गिरीश पंकज आदि, हिंदी चिट्ठाकारी की विकास यात्रा पर प्रकाश डालेंगे श्री अरविन्द श्रीवास्तव ....और भी बहुत कुछ ।

वाणी वन्दना और गणपति वन्दना को स्वर देकर उत्सव का श्री गणेश करने जा रही हैं सुश्री स्वप्न मंजूषा 'अदा' जी और सुश्री पारुल जी । वाणी वन्दना और उत्सव गीत लिखे हैं आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' ने । इस अवसर पर श्री मती निर्मला कपिला जी की प्यारी ग़ज़ल को स्वर देंगे श्री सुनील सिंह डोगरा । प्रेम के प्रतीक श्री इमरोज से प्रेम परक बातचीत करेंगी रश्मि प्रभा जी , अपनी कविताओं को स्वयं स्वर देंगे श्री पंकज सुबीर , रश्मि प्रभा , अनुराग शर्मा, स्वप्न मंजूषा'अदा' आदि रचनाकार । रंजना (रंजू) भाटिया सुनाएंगी उत्तराखंड की यात्रा का वृत्तांत .इसके अलावा ढेरों कविताएँ, गीत,ग़ज़ल, कहानियां , संस्मरण आदि पढ़ने और सुनने को मिलेंगे ।
यद्यपि यह आयोजन बड़ा था और हमें पग-पग पर कुछ लोगों का साथ चाहिए था , चाहें इस आयोजन हेतु कुछ प्रमुख सलाहकारों का चयन किया गया है जिसका उल्लेख ऊपर वर्णित है । आप इस उत्सव की वस्तृत जानकारी मेरे मोबाईल न० 9415272608 पर संपर्क स्थापित कर प्राप्त कर सकते हैं या फिर उत्सव के सलाहकारों क्रमश: श्री मुहम्मद शुएब, श्री रणधीर सिंह सुमन, श्री अविनाश वाचस्पति, श्री जाकिर अली रजनीश, श्री सर्बत एम० जमाल,सलीम खान और विनय प्रजापति के मोबाईल न० -9415012666/9450195427/9868166586/9935923334/9696318229/9838659380/9794289797 पर संपर्क स्थापित करके भी आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
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9 comments:

Akshitaa (Pakhi) ने कहा… 4 अप्रैल 2010 को 11:36 pm बजे

अरे अभी कोई टिपण्णी नहीं. हम ही आरंभ करते हैं. इस सुन्दर आयोजन के लिए हमारी तरफ से ढेर सारी बधाई.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा… 4 अप्रैल 2010 को 11:38 pm बजे

आपके ई-मेल raviindra.prabhat @gmail.com में ii या i....सही कर लें.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा… 4 अप्रैल 2010 को 11:39 pm बजे

हम बच्चे इसमें अपनी ड्राइंग या कुछ भेज सकते हैं की नहीं...

राजेश उत्‍साही ने कहा… 5 अप्रैल 2010 को 9:17 am बजे

रवीन्‍द्र जी एवं साथियों को इस आयोजन के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं एवं बधाई। बताएं मेरे तीन ब्‍लाग हैं पर उनकी कुल पोस्‍ट की संख्‍या अभी 100 के पार नहीं पहुंची है। मैं आयोजन में भाग ले सकता हूं या नहीं। अगर utsahi@gmail.com पर सूचित कर सकेंगे तो आभारी रहूंगा। वैसे आप यहां भी जवाब दे सकते हैं।

रवीन्द्र प्रभात ने कहा… 5 अप्रैल 2010 को 11:07 am बजे

अक्षिता जी,

क्षमा कीजिएगा बच्चों के लिए तो मैने सोचा ही नही जबकि बिना बच्चों के कोई भी अनुष्ठान पूरा ही नही होता , इसलिए आप और आपसे जुड़े हुए समस्त बच्चों को इसमें शामिल होने हेतु मेरा विनम्र निवेदन है .

राजेश उत्‍साही जी,
आपको इसमें शामिल होने हेतु मैं विशेष रूप से आमंत्रित करता हू.

बेनामी ने कहा… 10 अप्रैल 2010 को 12:56 am बजे

ताका-झाँकी ब्लॉग पर आपकी इस पोस्ट के बारे में पढ़ा..अच्छा लगा.
खूबसूरत प्रस्तुति...आपका ब्लॉग बेहतरीन है..शुभकामनायें.


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'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर हम प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटे रचनाओं को प्रस्तुत करने जा रहे हैं. यदि आप भी इसमें भागीदारी चाहते हैं तो अपनी 2 मौलिक रचनाएँ, जीवन वृत्त, फोटोग्राफ hindi.literature@yahoo.com पर मेल कर सकते हैं. रचनाएँ व जीवन वृत्त यूनिकोड फॉण्ट में ही हों.

Dr. Shreesh K. Pathak ने कहा… 12 अप्रैल 2010 को 9:13 pm बजे

मेरी अनगिन-अशेष शुभकामनायें...!

ρяєєтii ने कहा… 15 अप्रैल 2010 को 7:16 pm बजे
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
ρяєєтii ने कहा… 15 अप्रैल 2010 को 7:19 pm बजे

क्या में अपनी बेटी मलक के बनाये चित्र भी भेज सकती हूँ आपको इसमें शामिल करने के लिए ?

 
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