उत्सव गीत-
() माला
(ब्लॉग :मेरा भारत महान)
हम हैं ब्लोगर हिंदी के, आगाज करने आए हैं !
चिट्ठाकारी में नया इतिहास रचने आए हैं !!
सुर, तुलसी और मीरा है यहाँ के कुंजों में
अक्षय है भण्डार यहाँ वाणी का सूफी संतों में
कवि जायसी,मल्लिक खुसरो,भक्त कवि रसखान सा -
हम भी लेखन से सृजन में सांस भरने आए हैं .
हम हैं ब्लोगर हिंदी के, आगाज करने आए हैं !
चिट्ठाकारी में नया इतिहास रचने आए हैं !!
अजान-वन्दना-गुरुवाणी भी है हिंदी के चिट्ठों में
गंगा-जमुनी संस्कृति की धाराएं है पन्नों में
ग़ालिब भी हैं और मीर भी, गांधी भी हैं बीच मेरे -
ब्लॉग-जगत में बस यही एहसास भरने आए हैं
हम हैं ब्लोगर हिंदी के, आगाज करने आए हैं !
चिट्ठाकारी में नया इतिहास रचने आए हैं !!
यहाँ संस्कृति के संगम में छिपा हुआ एकात्म जगत
अनेक ब्लॉग व नेक हृदय, यही है अभिनव भाव प्रणव
परिकल्पना ने इसी कड़ी को उत्सव का है नाम दिया-
हम सब मिलकर उत्सव में विश्वास भरने आए हैं
हम हैं ब्लोगर हिंदी के, आगाज करने आए हैं !
चिट्ठाकारी में नया इतिहास रचने आए हैं !!
() () ()
पुन: परिकल्पना पर वापस जाएँ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
8 comments:
har roj ek naya utsav geet, aapane sachmuch itihas rach diya hai ....dheron badhayiyan !
बहुत सुंदर उत्सव गीत, बधाइयाँ !
अच्छे गीत के लिए बधाई।
बहुत खूब लिखा है माला जी ने...बधाई
नीरज
बहुत हो सुंदर उत्सव गीत है ... बधाई इस गेट के लिए माला जी को ... और आपको सफल आयोजन के लिए ...
बहुत सुन्दर गीत !!
______________
'पाखी की दुनिया' में इस बार माउन्ट हैरियट की सैर करना न भूलें !!
बहुत सुंदर गीत ..
यहाँ संस्कृति के संगम में छिपा हुआ एकात्म जगत
अनेक ब्लॉग व नेक हृदय, यही है अभिनव भाव प्रणव
परिकल्पना ने इसी कड़ी को उत्सव का है नाम दिया-
हम सब मिलकर उत्सव में विश्वास भरने आए हैं
बहुत ही सार्थक, प्रिय गीत
एक टिप्पणी भेजें