श्रीमती अल्पना देशपांडे हिंदी चिट्ठाजगत में एक ऐसी चित्रकार हैं जिन्हें लिमका बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकोर्ड में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है , ब्लोगोत्सव में जब इनकी कलाकृतियाँ प्रदर्शित हुयी तो काफी पाठकों ने उन्हें मुक्त कंठ से सराहा . ब्लोगोत्सव-२०१० पर प्रकाशित इनकी कलाकृतियों को आधार मानते हुए इन्हें "वर्ष की श्रेष्ठ चित्रकार" के रूप में अलंकृत करते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है , "जानिये अपने सितारों को" के अंतर्गत प्रस्तुत है इनसे पूछे गए कुछ प्रश्नों के उत्तर - |
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(१) पूरा नाम :
अल्पना देशपान्डे
(२) पति का नाम/जन्म स्थान :
अरविंद देशपान्डे---रायपुर--छत्तीसगढ
(३) ई मेल का पता :
alpna.deshpande@gmail.com
(४) प्रमुख व्यक्तिगत ब्लॉग :
हमारा पर्यावरण ---- आर्ट गैलरी
(५) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त अन्य ब्लॉग पर गतिविधियों का विवरण :
नहीं
(६) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त आपको कौन कौन सा ब्लॉग पसंद है?
ब्लाग देखने का समय नहीं मिल पाता
(७) ब्लॉग पर कौन सा विषय आपको ज्यादा आकर्षित करता है?
आर्ट एवं क्रिएटिविटी
(८) आपने ब्लॉग कब लिखना शुरू किया ?
26सितम्बर 2009
(९) क्या ब्लोगिंग से आपके अन्य आवश्यक कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं होता ?
ब्लागिंग कम होती है
(१०) ब्लोगोत्सव जैसे सार्वजनिक उत्सव में शामिल होकर आपको कैसा लगा ?
बहुत अच्छा लागा
(११) आपकी नज़रों में ब्लोगोत्सव की क्या विशेषताएं रही ?
ज्यादा पोस्ट नहीं देख पाई,लेकिन बढिया
(१२) क्या इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना चाहिए ?
हां/होना चाहिए
(१३) आप कुछ अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बताएं :
----------मैं गृह विज्ञानं की व्याख्याता हूँ,ग्रीटिंग कार्ड बनाने एवं हस्त निर्मित कार्ड संग्रहण का शौक है,ये संग्रह नित बढ़ता ही जा रहा है,आप भी इसमें सहयोग कर सकते है, 1988 में डिग्री गर्ल्स कॉलेज रायपुर से मास्टर ऑफ़ होम साईंस में गृह प्रबंधन कि पढाई पूरी की,इसके बाद मन में इरादा था कि जरुर कुछ करना है, माध्यम वर्गीय संयुक्त परिवार होने के कारण मन में डर भी था, लेकिन धीरे-धीरे हौसला बढ़ता गया,एक मूक बधिर स्कूल में पढाया,फिर कुछ साल तक ३६ गढ़ कालेज में पढाया,अब भिलाई में पढा रही है, बचपन से ही आर्ट में रूचि रही है, इसलिए ग्रीटिंग बनाया करती थी, गोल्डन ग्रास कि पेंटिंग भी करती थी,लेकिन वक्त कि कमी के कारण इस और ध्यान नहीं दे पा रही,अपने हेंड मेड ग्रीटिंग कार्ड कि प्रदर्शनी रायपुर टाऊन हॉल, दल्ली राजहरा,बालोद तथा भिलाई नेहरु आर्ट गेलरी में लगा चुकी है,अभी मेरे पास 12,500 ग्रीटिंग कार्ड का कलेक्शन है, जिसे लिम्का बुक रिकार्ड ने दर्ज किया है, कालेज में पढाना परिवार संभालना,साथ ही अपने शौक को पूरा करना,इस कार्य में परिवार के हर सदस्य,दोस्तों तथा विद्यार्थीयों का योगदान मिलता है, भविष्य में एक आर्ट गेलरी खोलने कि योजना है, जिसमे हेंड मेड कार्डों कि बिक्री भी होगी और ग्रीटिंग कार्ड बनाना भी सिखाया जायेगा,इससे काफी लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।
बहुत बहुत धन्यवाद .....इस अवसर पर ऋग्वेद की दो पंक्तियां आपको समर्पित है कि - ‘‘आयने ते परायणे दुर्वा रोहन्तु पुष्पिणी:। हृदाश्च पुण्डरीकाणि समुद्रस्य गृहा इमें ।।’’अर्थात आपके मार्ग प्रशस्त हों, उस पर पुष्प हों, नये कोमल दूब हों, आपके उद्यम, आपके प्रयास सफल हों, सुखदायी हों और आपके जीवन सरोवर में मन को प्रफुल्लित करने वाले कमल खिले। |
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प्रस्तुति: रवीन्द्र प्रभात
12 comments:
अल्पना जी को बहुत बहुत बधाई
अल्पना जी को बहुत बधाई !!
अल्पना जी ढेर सारी शुभकामनाएं
आभार
अल्पना जी को बहुत बधाई !!
इस सम्मान के लिए मेरी शुभकामनायें
अल्पना जी को बहुत बहुत बधाई
अल्पना जी को बहुत बधाई !!
अल्पना जी हमारे छत्तीसगढ़ में रहती है. एक बार उनसे मुलाकात हुई है. वे काफी मेहनत करती है अपने काम को लेकर. उन्हें बधाई.
अल्पना जी को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.
अल्पना देशपांडे जी से परिचय परिकल्पना द्वारा ही हुआ. इस सम्मान के लिए उन्हें हार्दिक बधाई
अल्पना जी को बधाई।
अल्पना जी को बधाई,
रवींद्र जी और टीम ब्लॉगोत्सव २०१० का इस महत्ती कार्य के लिए आभार...
जय हिंद...
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