ब्लोगोत्सव-२०१० पर प्रकाशित पोडकास्ट गड़बड़झाला को चयन करते हुए श्री अनुराग शर्मा को उनके बेहतरीन काव्यपाठ के लिए उन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने वर्ष के श्रेष्ठ कवि (कविता पाठ ) का खिताब देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है. "जानिये अपने सितारों को " के अंतर्गत प्रस्तुत है आज अनुराग शर्मा से पूछे गए कुछ व्यक्तिगत प्रश्नों के उत्तर-


(१) पूरा नाम:
अनुराग शर्मा



(२) पिता/माता का नाम/जन्म स्थान :
श्रीमती रमा देवी एवं श्री जी.एस. शर्मा/ रूहेलखंड, उत्तर प्रदेश।



(३) वर्तमान पता :
पिट्सबर्ग, संयुक्त राज्य अमेरिका

(३) आपके प्रमुख व्यक्तिगत ब्लॉग :
बर्ग वार्ता http://pittpat.blogspot.com/


पिट ऑडियो (pittaudio.blogspot.com)


दैट्स आयटी (spexpert.blogspot.com)
बरेली ब्लॉग (http://bareilly.spaces.live.com/blog/)


(४)अपने ब्लॉग के अतिरिक्त अन्य ब्लॉग पर गतिविधियों का विवरण :

आवाज़ पर हर शनिवार ऑडियो कार्यक्रम सुनो कहानी का पॉडकास्ट (podcast.hindyugm.com)


(५)अपने ब्लॉग के अतिरिक्त आपको कौन कौन सा ब्लॉग पसंद है :

a. ताऊ की भारत-दर्शन पहेली (http://taau.in/)
b. काकोरी काँड (http://kakorikand.wordpress.com/)
c. केरल पुराण (http://keralpuran.blogspot.com/)
d. आलसी चिठ्ठा (http://girijeshrao.blogspot.com/)
e. परिकल्पना ब्लोगोत्सव (utsav.parikalpnaa.com)

(६)ब्लॉग पर कौन सा विषय आपको ज्यादा आकर्षित करता है?

समाज सुधार, मौलिक एवं क्लासिकल साहित्य, पत्रिकाएं


(७)आपने ब्लॉग कब लिखना शुरू किया ?

2005 - बरेली ब्लॉग - English
2008 - बर्ग वार्ता
(८)यह खिताब पाकर आपको कैसा महसूस हो रहा है ?

प्रसन्न हूँ, विनम्र हूँ, अहसास है कि यह दुनिया महान कवियों से भरी हुई
है और उनके बीच मैं कुछ भी नहीं हूँ, भाग्यशाली हूँ.

(९)क्या ब्लोगिंग से आपके अन्य आवश्यक कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं होता ?

इसका उलटा ज़रूर होता है. अन्य आवश्यक कार्यों की वजह से ब्लोगिंग पिछड़
जाती है. अब घास तो काटनी ही पड़ेगी, बाल कटाने ही पड़ेंगे और खाना भी खाना
ही है. नौकरी करनी है, परिवार चलाना है, सामाजिक दायित्व भी निभाने हैं.
फिर समय की कमी होने पर छूटेगा क्या, ब्लोगिंग, और लेखन.


(१०)यदि होता है तो उसे कैसे प्रबंध करते है ?

जब समय मिलता है एक पोस्ट लिखकर पूर्णता की आशा किये बिना लिख कर सरका
देते हैं. सहृदय टिप्पणीकार पोस्ट की कमियाँ (और खूबियाँ भी) बताकर सहारा
देते हैं और हम ठीक कर लेते हैं. ऑनलाइन मीडिया की खूबी है कि उसे क्षण
भर में अपडेट किया जा सकता है सो व्याकरण आदि की गलतियाँ बाद में भी ठीक
कर लेते हैं.


(11)ब्लोगोत्सव जैसे सार्वजनिक उत्सव में शामिल होकर आपको कैसा लगा ?

खुशी हुई. बहुत कुछ पढ़ने सुनने को मिला. इस पहल के लिए आपका धन्यवाद.


(१२) आपकी नज़रों में ब्लोगोत्सव की क्या विशेषताएं रही ?

विविधता, विस्तार, वैश्विक समावेश!


(१३) ब्लोगोत्सव में वह कौन सी कमी थी जो आपको हमेशा खटकती रही ?

बहुत जल्दी-जल्दी, बहुत कुछ होता रहा. मैं इत्तफाक से उस समय काम में
बहुत व्यस्त था, सो बहुत सी रचनाएं बाद में थोड़ा-थोड़ा करके पढीं, कुछ
अभी भी रहती हैं.


(१४) ब्लोगोत्सव में शामिल किन रचनाकारों ने आपको ज्यादा आकर्षित किया ?

बहुत से. उदाहरण के लिए हिमांशु पाण्डेय, पंकज सुबीर.


(१५) किन रचनाकारों की रचनाएँ आपको पसंद नहीं आई ?

ज़रूरी नहीं कि जो मुझे पसंद न आया हो वह खराब ही हो. मेरे अपने
पूर्वाग्रह भी होंगे. फिर भी - नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली रचनाएँ पसंद

नहीं आई.

(१६) क्या इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना चाहिए ?

नेकी और पूछ-पूछ?!


(१७) आपको क्या ऐसा महसूस होता है कि हिंदी ब्लोगिंग में खेमेवाजी बढ़ रही है ?

अपना अलग खेमा बनाकर स्वयं उसका सरदार बनने की ख्वाहिश ने भारत का बहुत
नुक्सान किया है फिर भी हम ऐसी प्रवृत्तियों का मुखर विरोध नहीं करते हैं
यह आश्चर्यजनक है. हिन्दी ब्लोगिंग में भी ऐसे स्वयंभू मुखिया दिखने
शुरू हो गए हैं यह दुखद है.

(१८) क्या यह हिंदी चिट्ठाकारी के लिए अमंगलकारी नहीं है ?

शुरू में ज़रूर है. मगर हिन्दी ब्लोगिंग के सागर में यह तिनके भी अंततः
घुल ही जायेंगे.


(१९) आप कुछ अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बताएं :

याज्ञवल्क्य की भूमि पर जन्मा, सारे भारत में रहा. देश के लिए जान की
परवाह न करने वाले अनाम वीरों को करीब से देखा. दुनिया के दो महान
राष्ट्रों में पढ़ा और रहा और दोनों ही से बहुत कुछ सीखा है.


(२०) चिट्ठाकारी से संवंधित क्या कोई ऐसा संस्मरण है जिसे आप इस अवसर पर
सार्वजनिक करना चाहते हैं?


चिट्ठाकारी करते-करते कुछ ऐसे मित्र बने जो साहित्य साधना में निरंतर साथ हैं.


बहुत बहुत धन्यवाद अनुराग जी .....इस अवसर पर ऋग्वेद की दो पंक्तियां आपको समर्पित है कि - ‘‘आयने ते परायणे दुर्वा रोहन्तु पुष्पिणी:। हृदाश्च पुण्डरीकाणि समुद्रस्य गृहा इमें ।।’’अर्थात आपके मार्ग प्रशस्त हों, उस पर पुष्प हों, नये कोमल दूब हों, आपके उद्यम, आपके प्रयास सफल हों, सुखदायी हों और आपके जीवन सरोवर में मन को प्रफुल्लित करने वाले कमल खिले।


प्रस्तुति : रवीन्द्र प्रभात

19 comments:

रश्मि प्रभा... ने कहा… 22 जुलाई 2010 को 3:49 pm बजे

परिचय और स्पष्टता प्रभावित करती है.... बधाई

सदा ने कहा… 22 जुलाई 2010 को 5:30 pm बजे

सबसे पहले तो आपको बहुत-बहुत बधाई इस उप‍लब्धि के लिये ।

mala ने कहा… 22 जुलाई 2010 को 5:35 pm बजे

अनुराग जी को बहुत बहुत बधाई

पूर्णिमा ने कहा… 22 जुलाई 2010 को 5:36 pm बजे

बहुत-बहुत बधाई

गीतेश ने कहा… 22 जुलाई 2010 को 5:42 pm बजे

अनुराग जी को बहुत बहुत बधाई

Randhir Singh Suman ने कहा… 22 जुलाई 2010 को 6:01 pm बजे

अनुराग जी
बधाई.nice

संगीता पुरी ने कहा… 22 जुलाई 2010 को 6:48 pm बजे

अच्‍दे लगे अनुराग जी के विचार .. उन्‍हें बधाई .. आपका आभार !!

Udan Tashtari ने कहा… 22 जुलाई 2010 को 9:28 pm बजे

अनुराग भाई को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.

Arvind Mishra ने कहा… 23 जुलाई 2010 को 6:29 am बजे

अनुराग जी को बहुत बहुत बधाई!

Khushdeep Sehgal ने कहा… 23 जुलाई 2010 को 7:22 am बजे

सबसे अनुराग रखने वाले अनुराग भाई को बहुत बहुत बधाई...

रवींद्र जी और ब्लॉगोत्सव टीम २०१० का आभार...

जय हिंद...

Bhavesh (भावेश ) ने कहा… 23 जुलाई 2010 को 2:44 pm बजे

अनुराग जी को बधाई.
रविन्द्र प्रभात जी और ब्लॉगोत्सव टीम २०१० को इस सराहनीय कार्य के लिए शुभकामनाएं. अगर आप लोग इसी गति से चलते रहे तो थोड़े ही दिनों में आप सीएनएन के लेरी किंग से भी ज्यादा इंटरव्यू लेने का सम्मान हासिल कर लेंगे :-)

अविनाश वाचस्पति ने कहा… 24 जुलाई 2010 को 6:24 am बजे

अनुराग जी के लिए बधाई राग भेजा था, कहां भाग गया, चलो दोबारा से भेजते हैं बधाईराग, सुन रहे हैं भाई अनुराग।

Smart Indian ने कहा… 24 जुलाई 2010 को 8:51 am बजे

आप सभी का आभारी हूँ! ज़र्रानवाज़ी का शुक्रिया। अविनाश जी, बधाई राग से काम नहीं चलने वाला है, मिठाई खिलानी पडेगी और साथ में एक सुन्दर सी कविता (सुनानी पडेगी) उत्तम नगर पहुँचता हूँ जल्दी से।

दिगम्बर नासवा ने कहा… 25 जुलाई 2010 को 7:27 pm बजे

अनुराग जी को बहुत बहुत बधाई ...

Atul Sharma ने कहा… 31 जुलाई 2010 को 3:30 pm बजे

विदेश में रहते हुए स्‍वदेश के बारे में इतने जागरुक नागरिक को, अंग्रेजी के बीच रहते हुए राष्‍ट्रभाषा हिंदी की सेवा करने की प्रेरणा को, कलयुग में होते हुए सतयुगी विचारों को रखने वाले श्री अनुराग शर्मा को उनके बेहतरीन काव्यपाठ के लिए उन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने वर्ष के श्रेष्ठ कवि (कविता पाठ ) का खिताब देते हुए सम्मानित करने का जो फैसला लिया है उसके लिए आप सभी को आभार एवं श्री अनुराग शर्मा जी को बहुत बहुत बधाई।

 
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