हर दिल अजीज श्री ललित शर्मा के ब्लोगोत्सव-२०१० में प्रकाशित गीत में आंचलिक शब्दों और बिंबों की प्रचुरता तथा कथ्य और बिंब में गज़ब का तालमेल को ध्यान में रखते हुए ब्लोगोत्सव-२०१० की टीम के द्वारा उन्हें वर्ष के श्रेष्ठ गीतकार (आंचलिक) से अलंकृत करते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है . प्रस्तुत है " जानिये अपने सितारों को " के अंतर्गत उनसे पूछे गए कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जबाब- |
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(१) पूरा नाम :
- ललित शर्मा
(२) पिता/जन्म स्थान :
-स्व:ओमदत्त शर्मा -अभनपुर जिला रायपुर छत्तीसगढ
(३) वर्तमान पता :
- डी ए वी स्कूल अभनपुर जि्ला रायपुर छत्तीसगढ-493661
(३) ई मेल का पता :
-mailto:-shilpkarr@gmail.com
(३) टेलीफोन/मोबाईल न.
9425514570
(४) आपके प्रमुख व्यक्तिगत ब्लॉग :
- ललित डॉट कॉम, शिल्पकार के मुख से, ब्लाग4वार्ता, चि्ट्ठाकार चर्चा, एक लोहार की, अड़हा के गोठ, चलती का नाम गाड़ी इत्यादि विषय आधारित
(५) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त अन्य ब्लॉग पर गतिविधियों का विवरण ?
-नुक्कड़, तेताला, इत्यादि
(६) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त आपको कौन कौन सा ब्लॉग पसंद है ?
धान के देश में, आरम्भ, स्पन्दन, ताऊ के ब्लाग, उड़नतश्तरी, हरकीरत हीर, काव्य मंजूषा, जिन्दगी के मेले, प्रिंट मीडिया पर ब्लाग चर्चा, बिगुल,परिकल्पना इत्यादि अन्य ब्लाग
(७) ब्लॉग पर कौन सा विषय आपको ज्यादा आकर्षित करता है?
--सामाजिक सरोकार एवं व्यंग, काव्य
(८) आपने ब्लॉग कब लिखना शुरू किया ?
2 जून 2009
(९) यह खिताब पाकर आपको कैसा महसूस हो रहा है ?
बढिया
(१०) क्या ब्लोगिंग से आपके अन्य आवश्यक कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं होता ?
--- होता है।
(११) यदि होता है तो उसे कैसे प्रबंध करते है ?
बस कुछ समय निकाल लिया जाता है।
(11) ब्लोगोत्सव जैसे सार्वजनिक उत्सव में शामिल होकर आपको कैसा लगा ?-
-अच्छा लगा।
(१२) आपकी नज़रों में ब्लोगोत्सव की क्या विशेषताएं रही ?
ब्लाग उत्सब ने उम्दा रचनाओं को एक मंच पर ला दिया।
(१३) ब्लोगोत्सव में वह कौन सी कमी थी जो आपको हमेशा खटकती रही ?--
कमियों पर ध्यान नहीं है।
(१४) ब्लोगोत्सव में शामिल किन रचनाकारों ने आपको ज्यादा आकर्षित किया ?
रश्मी प्रभा, अदा जी,
(१५) किन रचनाकारों की रचनाएँ आपको पसंद नहीं आई ?--
पठित सभी पसंद है।
(१६) क्या इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना चाहिए ?
जरुर
(१७) आपको क्या ऐसा महसूस होता है कि हिंदी ब्लोगिंग में खेमेवाजी बढ़ रही है ?
पहले से ही मौजूद है।
(१८) यदि हाँ तो क्या यह हिंदी चिट्ठाकारी के लिए अमंगलकारी नहीं है ?
समय के गर्भ में है।
(१९) आप कुछ अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बताएं :-
बस सरल सा व्यक्ति हूँ, जरूरत मंद की सहायता करने में विश्वास रखता हूँ। नर सेवा ही नारायण सेवा है। आनंद में जीना ही जिन्दगी है। झंझावात तो गुजर जाते हैं। उनको गुजरना ही हो्ता है। जिसका आना है उसका जाना है। यही जिंदगी है।
(२०) चिट्ठाकारी से संवंधित क्या कोई ऐसा संस्मरण है जिसे आप इस अवसर पर सार्वजनिक करना चाहते हैं ?
जब एक डॉक्टर ने हमें ब्लागोमेनिया का मरीज घोषित कर दिया था उस समय पूरे ब्लाग जगत ने एक जुट हो कर मुझे संबंल प्रदान किया। उन्ही मित्रों की वजह से मैं पुन: ब्लागिंग में आया, नहीं तो नींव पर की गयी एक चोट ने पूरी इमारत हिला दी थी।
(२१) अपनी कोई पसंदीदा रचना की कुछ पंक्तियाँ सुनाएँ :
हे! शिल्पकार,
तेरी पीड़ा मेरी पीड़ा है,
मुझको व्याकुल करता तेरा करुण क्रंदन,
भीषण झंझावातों में कर सृजन निरंतर,
पाषाणों को भी दे रहा सांसों का स्पन्दन,
तेरा करता हूँ अभिनन्दन,
तेरी पीड़ा मेरी पीड़ा है।
पूरी रचना के लिए इस लिंक पर जाएं
बहुत बहुत धन्यवाद .....इस अवसर पर ऋग्वेद की दो पंक्तियां आपको समर्पित है कि - ‘‘आयने ते परायणे दुर्वा रोहन्तु पुष्पिणी:। हृदाश्च पुण्डरीकाणि समुद्रस्य गृहा इमें ।।’’अर्थात आपके मार्ग प्रशस्त हों, उस पर पुष्प हों, नये कोमल दूब हों, आपके उद्यम, आपके प्रयास सफल हों, सुखदायी हों और आपके जीवन सरोवर में मन को प्रफुल्लित करने वाले कमल खिले। |
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प्रस्तुति : रवीन्द्र प्रभात
15 comments:
बहुत बहुत बधाइयां...!
ललित जी इस सम्मान के सर्वथा योग्य हैं। उन्हें और आपको इस हेतु बधाई।
बधाइयाँ!
बहुत बहुत बधाई ललित जी !
nice
परिकल्पना एवं सभी मित्रों का हृदय से आभारी हूँ, जो कि मुझ अकिंचन को इस योग्य समझा।
धन्यवाद
ललित भाई के विचारों को जानकर प्रसन्नता हुई।
सम्मान हेतु बधाई।
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पाँच फन वाला नाग?
तरह-तरह के साँप।
विचार ही सदाचार।
ललित भाई को बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.
हमारे प्यारे ललित भाई को बहुत बहुत बधाई एवम हार्दिक शुभकामनायें। हम तभी तो सोच रहे थे इनक नंबर कब आयेगा। बस थोड़ी देर के लिये बैठे हैं यहां। अभी मुसद्दीलाल वाला "टाइम नही है मेरे पास" नारा हम भी रट रहे हैं।
ललितजी
बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें ।
अब कभी गीतों की महफ़िल सज जाए …
शुभकामनाओं सहित …
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
ललित जी, बहुत बहुत बधाई हो आपको
ललित भाई दिखने में ही नहीं सच में ब्लॉगवुड के शेर सिंह हैं...
सम्मान के लिए बहुत-बहुत बधाई...
रवींद्र जी और ब्लॉगोत्सव २०१० टीम का आभार...
जय हिंद...
सम्मान के लिए बहुत-बहुत बधाई...
बहुत बहुत बधाई!
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