अंतरजाल से संवंधित श्रेष्ठ आलेखन के लिए इस बार ब्लोगोत्सव-२०१० की टीम ने श्री रवि शंकर श्रीवास्तव (रवि रतलामी) को "वर्ष का श्रेष्ठ लेखक " के रूप में अलंकृत करते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है . प्रस्तुत है "जानिये अपने सितारों को" के अंतर्गत उनसे पूछे गए कुछ व्यक्तिगत प्रश्नों के उत्तर -

(१) पूरा नाम : रविशंकर श्रीवास्तव
(२) पिता/माता का नाम/जन्म स्थान : श्री बी. एल. श्रीवास्तव, राजनांदगांव छ.ग.
(३) वर्तमान पता : एफ 2 आर - 4/3, प्रोफ़ेसर कॉलोनी, भोपाल मप्र 462002
(३) ई मेल का पता : raviratlami@gmail.com


(३) टेलीफोन/मोबाईल न. ******

(४) आपके प्रमुख व्यक्तिगत ब्लॉग : http://raviratlami.blogsopt.com/, http://rachanakar.blogspot.com/
(५) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त अन्य ब्लॉग पर गतिविधियों का विवरण :


पढ़ना व ब्लॉग संबंधी उपयुक्त तकनीकी सुझाव देना
(६) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त आपको कौन कौन सा ब्लॉग पसंद है ?


बहुत सारे. मैं दर्जनों ब्लॉग नित्य पढ़ता हूं
(७) ब्लॉग पर कौन सा विषय आपको ज्यादा आकर्षित करता है?


हास्य व्यंग्य, नई तकनीक
(८) आपने ब्लॉग कब लिखना शुरू किया ?


2004
(९) यह खिताब पाकर आपको कैसा महसूस हो रहा है ?


जाहिर है बुरा तो नहीं लग रहा किसी कोने से :) हाँ, खिताब आपको यह अहसास जरूर दिलाते हैं कि आप कुछ सार्थक कर रहे हैं, और आगे और भी अधिक करने, करते रहने की ऊर्जा प्रदान करते हैं. क्योंकि कई बार होता ये है कि लगता है कि ये सब हम क्यों और किसलिए कर रहे हैं. तब समाज और समुदाय का यह रिकोग्नीशन मॉरल बूस्ट करने के काम आता है.
(१०) क्या ब्लोगिंग से आपके अन्य आवश्यक कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं होता ?


नहीं तो! यह तो मेरे लिए सार्थक मनोरंजन की तरह है - मनोरंजन भी और सार्थक सृजन भी!

(11) ब्लोगोत्सव जैसे सार्वजनिक उत्सव में शामिल होकर आपको कैसा लगा ?


को बड़ी मेहनत से बेहद विस्तृत प्लेटफ़ॉर्म पर सलीके से मनाया गया. इससे जुड़कर इसका हिस्सा बनकर आनंदित हूँ. आयोजन हर मामले में चहुँओर फैले फूले और इसकी महत्ता ब्लॉग जगत के नोबेल की तरह हो यही कामना है.
(१२) आपकी नज़रों में ब्लोगोत्सव की क्या विशेषताएं रही ?


मेरे लिए तो बेहद महत्वपूर्ण पोस्टों को पढ़ना-पढ़वाना रहा, जो शायद दबे-छिपे से रहते. नेट पर सामग्री का भंडार है. उत्कृष्ट सामग्री को ढूंढ पाना बड़ा मुश्किल है. ब्लॉगोत्सव ने कुछ मामलों में यह मुश्किल आसान की है.
(१३) ब्लोगोत्सव में वह कौन सी कमी थी जो आपको हमेशा खटकती रही ?


कमियाँ और सुधार की गुंजाइश तो सभी में होती है. परिपूर्ण कोई नहीं होता. मेरे व्यक्तिगत विचार में कई मर्तबा पोस्टों के बाबत सूचनाओं का दोहराव सा हुआ है जिससे बचा जा सकता था.
(१४) ब्लोगोत्सव में शामिल किन रचनाकारों ने आपको ज्यादा आकर्षित किया ?


सभी रचनाएँ अपने विषय और कलेवर में आकर्षक रही हैं.
(१५) किन रचनाकारों की रचनाएँ आपको पसंद नहीं आई ?


नो कमेंट
(१६) क्या इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना चाहिए ?


बिलकुल. मैंने पहले ही कहा - इसे तो ब्लॉग जगत के नोबेल की तरह होना चाहिए.
(१७) आपको क्या ऐसा महसूस होता है कि हिंदी ब्लोगिंग में खेमेवाजी बढ़ रही है ?


जो ये समझते हैं या तोहमत लगाते हैं उन्हें ब्लॉगिंग की प्रकृति की समझ है ही नहीं. आप कितने लोगों के कितने गुट या खेमे नेट पर बना सकते हैं - 100 - 200 ? इंटरनेट असीम है. ब्लॉग का प्लेटफ़ॉर्म स्वयं असीम और अनंत संभावनाओं वाला है. यहाँ गुट जैसी चीज आ ही नहीं सकती. संकीर्ण दृष्टि वालों को ये लग सकता है कि कोई दर्जन भर ब्लॉगर आपसी पोस्ट-टिप्पणियों-पसंद-नापसंद का मजमा लगाए बैठे हैं. मगर ब्लॉग के ब्रह्मांड में ये धूमकेतु के समान हैं. जो ब्लॉग को, ब्लॉग की प्रकृति को जानते समझते हैं, वे अपना सृजन लगातार करते रहते हैं और उन्हें ऐसी किसी बातों में कोई लेना देना नहीं रहता. ब्लॉग तो अभिव्यक्ति का एक माध्यम है. मैंने कुछ लिखा है तो सामने वाला पढ़ना है तो पढ़े नहीं तो अगले पन्ने में जाए, दुबारा इधर का रूख ही न करे! बस!!

(१८) आप कुछ अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बताएं :


इस मामले में मैं अनामी रहना पसंद करूंगा :)
(१९) चिट्ठाकारी से संवंधित क्या कोई ऐसा संस्मरण है जिसे आप इस अवसर पर सार्वजनिक करना चाहते हैं ?


अरे! इन्हीं संस्मरणों को तो हम अपने ब्लॉग में छापते रहते हैं.
(२०) अपनी कोई पसंदीदा रचना की कुछ पंक्तियाँ सुनाएँ


व्यंज़ल के कुछ छींटे उड़ाता हूँ -
देश तो साला जैसे सुबह का अख़बार हो गया
वो तो एक नॉवेल था कैसे अख़बार हो गया
तमाम जनता ने लगा लिए हैं मुँह पे भोंपू
मेरा शहर यारों कुछ ऐसे अख़बार हो गया
दुश्वारियाँ मुझपे कुछ ऐसी गुजरीं कि मैं
एक कॉलम सेंटीमीटर का अख़बार आपका गया
लोगों ने कर डाली हैं विवेचनाएँ इतनी कि
धर्म तो बीते कल का रद्दी अख़बार हो गया
बहुत गुमाँ था अपने आप पे यारों रवि को
जाने क्या हुआ कि वो बस अख़बार हो गया



बहुत बहुत धन्यवाद आपका रवि जी.....इस अवसर पर ऋग्वेद की दो पंक्तियां आपको समर्पित है कि - ‘‘आयने ते परायणे दुर्वा रोहन्तु पुष्पिणी:। हृदाश्च पुण्डरीकाणि समुद्रस्य गृहा इमें ।।’’अर्थात आपके मार्ग प्रशस्त हों, उस पर पुष्प हों, नये कोमल दूब हों, आपके उद्यम, आपके प्रयास सफल हों, सुखदायी हों और आपके जीवन सरोवर में मन को प्रफुल्लित करने वाले कमल खिले।

() () ()
प्रस्तुति : रवीन्द्र प्रभात

18 comments:

kshama ने कहा… 14 जुलाई 2010 को 4:19 pm बजे

Ravi Ratlami ji ko tahe dil se badhayi!

अजित गुप्ता का कोना ने कहा… 14 जुलाई 2010 को 4:38 pm बजे

रविजी के बारे में विस्‍तार से जानकर अच्‍छा लगा। आपने उनका चयन किया इसलिए आपको बधाई।

संगीता पुरी ने कहा… 14 जुलाई 2010 को 4:54 pm बजे

आपके माध्‍यम से सभी के बारे में जानने का मौका मिल रहा है .. रवि रतलामी जी को बहुत बहुत बधाई !!

Udan Tashtari ने कहा… 14 जुलाई 2010 को 5:02 pm बजे

रवि रतलामी जी को बहुत बहुत बधाई !

पूर्णिमा ने कहा… 14 जुलाई 2010 को 6:24 pm बजे

बहुत-बहुत बधाई।

mala ने कहा… 14 जुलाई 2010 को 6:25 pm बजे

रवि रतलामी जी को बहुत बहुत बधाई !!

गीतेश ने कहा… 14 जुलाई 2010 को 6:27 pm बजे

बधाईयां जी बधाईयाँ

अविनाश वाचस्पति ने कहा… 14 जुलाई 2010 को 7:31 pm बजे

रवि भाई को मन से बधाई। अनेक ब्‍लॉग नेक हृदय की धारणा को पुष्‍ट करता सम्‍मान। रवि जी को सम्‍मानित होता देखकर खुद को सम्‍मानित महसूस कर रहा हूं।

M VERMA ने कहा… 14 जुलाई 2010 को 8:21 pm बजे

बहुत बहुत बधाई हो ..

Arvind Mishra ने कहा… 14 जुलाई 2010 को 11:12 pm बजे

बधाई रतलामी जी को-तनिक हास्य व्यंग और तकनीक से इतर भी झांक लिया करें हुजूर !
ताकि हमारी भी रूचि हंसने हँसाने की बने !

Bhavesh (भावेश ) ने कहा… 15 जुलाई 2010 को 8:19 am बजे

बहुत बहुत बधाई ! आपका ब्लॉगजगत को योगदान सराहनीय है.

रवि रतलामी ने कहा… 15 जुलाई 2010 को 11:12 am बजे

आप सभी का बहुत-2 धन्यवाद.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा… 15 जुलाई 2010 को 1:03 pm बजे

रविशंकर जी को ढेरों बधाइयां.

राजकुमार सोनी ने कहा… 15 जुलाई 2010 को 1:10 pm बजे

रविजी को बधाई.
बहुत अच्छा लगा

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा… 15 जुलाई 2010 को 3:56 pm बजे

रवि जी को बहुत बहुत बधाई..

गीतेश ने कहा… 16 जुलाई 2010 को 11:39 am बजे

हार्दिक बधाईयाँ।

Khushdeep Sehgal ने कहा… 17 जुलाई 2010 को 9:06 am बजे

रवि जी का नाम ही ऐसा है कि उनके लिए किसी सम्मान की बात करना सूरज को दिए दिखाने जैसा है...ब्लॉगिंग में उनकी अथक साधना मुझ जैसे ब्लॉगर के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रही है...रवि जी को बहुत-बहुत बधाई...

रवींद्र जी और टीम ब्लॉगोत्सव २०१० का आभार...

जय हिंद...

 
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