अक्षिता पाखी हिंदी ब्लॉग जगत की एक ऐसी मासूम चिट्ठाकारा , जिसकी कविताओं और रेखाचित्र से ब्लोगोत्सव की शुरुआत हुयी और सच्चाई यह है कि उसकी रचनाओं की प्रशंसा हिंदी के कई महत्वपूर्ण चिट्ठाकारों से कहीं ज्यादा हुयी । यदि अक्षिता को ब्लोगोत्सव का सुपर स्टार कहा जाए तो शायद न कोई अतिश्योक्ति होगी और न शक की गुंजाईश ही । इसीलिए उसे ब्लोगोत्सव की टीम ने "वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही चिट्ठाकारा" का खिताब देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है । "जानिये अपने सितारों को" के अंतर्गत आज प्रस्तुत है उनसे पूछे गए कुछ व्यक्तिगत प्रश्नों के उत्तर-

(१) पूरा नाम :

अक्षिता
(२) पिता/माता का नाम :

श्री कृष्ण कुमार यादव/ श्रीमती आकांक्षा यादव
(३) वर्तमान पता :

द्वारा श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, पोर्टब्लेयर-744101
(३) ई मेल का पता :

akshita_06@rediffmail.com


(३) टेलीफोन/मोबाईल न. :

09476046232

(४) प्रमुख व्यक्तिगत ब्लॉग :

पाखी की दुनिया (http://pakhi-akshita.blogspot.com/)

(५) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त अन्य ब्लॉग पर गतिविधियों का विवरण :

ब्लागोत्सव में ड्राइंग व बाल-कविता

(http://utsav.parikalpnaa.com/2010/04/blog-post_8277.html),

ताऊजी डाट काम पर बाल-कविता

(http://www.taauji.com/2010/05/blog-post_02.html),

सरस प्यास पर मेरी ड्राइंग और उस पर लिखा गया शिशु गीत (http://saraspaayas.blogspot.com/2010/06/blog-post_11.html)

(६) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त आपको कौन कौन सा ब्लॉग पसंद है ?

शब्द-शिखर, शब्द सृजन की ओर, उड़न तश्तरी, परिकल्पना, माँ, सरस पायस, ब्लागोत्सव-2010, उत्सव के रंग, डाकिया डाक लाया, आदित्य, माधव, नन्हा मन, बाल सजग, दीन दयाल शर्मा, बाल संसार, फुलबगिया, नन्हें सुमन, बाल सभा, बाल उद्यान, युवा-मन, सप्तरंगी प्रेम, नन्हे मुन्हे, नव सृजन, गीत सहित ढेर सारे.

(७) ब्लॉग पर कौन सा विषय आपको ज्यादा आकर्षित करता है?

बच्चों से जुडी रचनाएँ, ड्राइंग, चर्चा इत्यादि .
(८) आपने ब्लॉग कब लिखना शुरू किया ?

जून, 2009
(९) यह खिताब पाकर आपको कैसा महसूस हो रहा है ?

बहुत अच्छा लग रहा है.
(१०) क्या ब्लोगिंग से आपकेमें अथवा अन्य आवश्यक कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं होता ?नहीं.
(११) ब्लोगोत्सव जैसे सार्वजनिक उत्सव में शामिल होकर आपको कैसा लगा ?

बहुत अच्छा.
(१२) आपकी नज़रों में ब्लोगोत्सव की क्या विशेषताएं रही ?

बड़ों के साथ-साथ बच्चों की रचनाएँ इत्यादि भी प्रस्तुत करना।

(१३) ब्लोगोत्सव में वह कौन सी कमी थी जो आपको हमेशा खटकती रही ?

कोई नहीं.
(१४) ब्लोगोत्सव में शामिल किन रचनाकारों ने आपको ज्यादा आकर्षित किया ?

सबने, सबकी रचनाएँ अच्छी लगी ....!
(१५) किन रचनाकारों की रचनाएँ आपको पसंद नहीं आई ?

कहा न , सबकी रचनाएँ बहुत अच्छी थी ....!
(१६) क्या इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना चाहिए ?

हाँ , मगर बच्चों की भागीदारी ज्यादा होनी चाहिए
(१७) आप कुछ अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बताएं :

मेरा नाम अक्षिता है. मम्मी-पापा मुझे प्यार से 'पाखी' नाम से बुलाते हैं.मेरा जन्म 25 मार्च, 2007 को को कानपुर में हुआ. मेरा पैतृक स्थान आजमगढ़ है, फ़िलहाल अपने मम्मी-पापा के साथ पोर्टब्लेयर में हूँ. यहाँ में कारमेल स्कूल में नर्सरी में पढ़ती हूँ. मेरी रुचियाँहैं- प्लेयिंग, डांसिंग, ड्राइंग, ट्रेवलिंग, ब्लागिंग, अच्छी-अच्छी रचनाएँ पढना व उन्हें समझने की कोशिश करना.
(१८) चिट्ठाकारी से संवंधित क्या कोई ऐसा संस्मरण है जिसे आप इस अवसर पर सार्वजनिक करना चाहती हैं ?

ब्लोगिंग में कई ऐसे लोग हैं, जिनसे न तो मैं कभी मिली या फोन पर बात की. पर उनका स्नेह देखकर लगता है कि मानो हम उन्हें लम्बे समय से जानते हों. इसी क्रम में बाल साहित्यकार व ब्लोगर दीनदयाल शर्मा अंकल जी ने अपनी बाल-गीतों की पुस्तक 'चूं-चूं' के कवर पेज पर मेरा फोटो लगाया, यह मेरे लिए यादगार पल रहेगा. ऐसे ही एक दिन मेरी ममा के ब्लॉग 'शब्द-शिखर' पर समीर लाल अंकल जी ने टिपण्णी की कि आज पाखी मुँह क्यों फुलाए हुए है, मैंने लिखा कि आज तक आपने मेरे लिए कोई कविता नहीं लिखी और शाम तक समीर अंकल जी ने प्यारी सी कविता लिखकर मेल कर दी. ऐसे ही रावेन्द्र कुमार 'रवि' अंकल जी ने मेरी ड्राइंग पर एक शिशु-गीत ही रच दिया. दो बातें ब्लागोत्सव-२०१० से जुडी हुई कभी नहीं भूलूंगी -पहली, जब पहली बार मैंने इस ब्लॉग उत्सव के बारे में सुना था तो बड़ी उदास हुई थी कि हम बच्चों के लिए वहाँ कुछ नहीं है। फिर मैंने आपको लिखा कि- हम बच्चे इसमें अपनी ड्राइंग या कुछ भेज सकते हैं कि नहीं। जवाब में आप ने लिखा कि अक्षिता जी! क्षमा कीजिएगा बच्चों के लिए तो मैंने सोचा ही नहीं जबकि बिना बच्चों के कोई भी अनुष्ठान पूरा ही नही होता, इसलिए आप और आपसे जुड़े हुए समस्त बच्चों को इसमें शामिल होने हेतु मेरा विनम्र निवेदन है...यह पढ़कर अच्छा लगा कि एक नन्हीं सी बच्ची की बातों को आपने कितने गंभीरता से लिया और बच्चों की इंट्री भी इस उत्सव में सुनिश्चित हो गई. ब्लागोत्सव में पहले दिन ही ''कला दीर्घा में आज : अक्षिता(पाखी) की अभिव्यक्ति'' और उस पर प्राप्त ढेर सारे कमेन्ट देखकर मन प्रफुल्लित हो गया. इन सब संस्मरणों को मैं नहीं भूल सकती.
(१९) अपनी कोई पसंदीदा रचना की कुछ पंक्तियाँ सुनाएँ :
गौरैया रोज तिनका लाती
प्यारा सा घोंसला बनाती।
चूं-चूं करते उसके बच्चे
चोंच से खाना खिलाती।

आपका भी बहुत-बहुत आभार अंकल !

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प्रस्तुति : रवीन्द्र प्रभात


बहुत बहुत धन्यवाद पाखी .....इस अवसर पर ऋग्वेद की दो पंक्तियां आपको समर्पित है कि - ‘‘आयने ते परायणे दुर्वा रोहन्तु पुष्पिणी:। हृदाश्च पुण्डरीकाणि समुद्रस्य गृहा इमें ।।’’अर्थात आपके मार्ग प्रशस्त हों, उस पर पुष्प हों, नये कोमल दूब हों, आपके उद्यम, आपके प्रयास सफल हों, सुखदायी हों और आपके जीवन सरोवर में मन को प्रफुल्लित करने वाले कमल खिले।

43 comments:

अविनाश वाचस्पति ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 12:00 pm बजे

पाखी अपनी सृजनात्‍मकता के सभी परों से हिन्‍दी ब्‍लॉग जगत में उच्‍च कीर्तिमान बनाए।

रंजन ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 12:16 pm बजे

बहुत प्यार..

shikha varshney ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 12:16 pm बजे

पाखी को बहुत बहुत शुभकामनाये.

निर्मला कपिला ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 1:15 pm बजे

ाक्षिता से मिल कर बहुत खुशी हुयी-- अपने माँ बाप के सारे गुण हैंिस नन्ही गुडिया मे इसे बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें।

संगीता पुरी ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 2:03 pm बजे

पाखी की तो बात ही निराली है .. उसे बहुत बहुत बधाई !!

दिगम्बर नासवा ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 2:29 pm बजे

बहुत बहुत बधाई पाखी ...

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 2:46 pm बजे

पाखी है ख़ुशियों का झरना,
इसको तो है हर पल बढ़ना!

mala ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 2:50 pm बजे

पाखी को शुभाशीष

पूर्णिमा ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 2:51 pm बजे

शुभकामनाये.

Subhash Rai ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 3:24 pm बजे

Pakhi ko dhero badhaaiya aur bhavishy ke liye shubhkaamanaye.

Subhash Rai ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 3:24 pm बजे

Pakhi ko dhero badhaaiya aur bhavishy ke liye shubhkaamanaye.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 4:17 pm बजे

परिकल्पना उत्सव का सुन्दर आगाज़..."वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही चिट्ठाकारा'' का ख़िताब पाने पर अक्षिता (पाखी) को ढेर सारी बधाई और प्यार. पाखी, आप यूँ ही उन्नति करती रहो.ढेरों शुभकामनायें.

Unknown ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 4:24 pm बजे

पाखी है ही इतनी प्यारी कि लोग खींचे चले आते हैं. रविन्द्र प्रभात और आयोजन से जुड़े सभी लोगों ने पाखी को श्रेष्ठ नन्ही चिट्ठाकारा का ख़िताब देकर जता दिया है कि बच्चे भी किसी से कम नहीं. पाखी को हार्दिक बधाइयाँ.

Unknown ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 4:24 pm बजे

इस अवसर पर पाखी के पापा के.के. यादव जी और ममा आकांक्षा यादव जी को भी बधाई कि उन्होंने पाखी को वो परिवेश और संस्कार दिए कि पाखी को आज यह सम्मान मिला.

मन-मयूर ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 4:28 pm बजे

अक्षिता के ब्लॉग पर इस पोस्ट का लिंक देखकर हम यहाँ आए, अच्छा लगा. पाखी को बधाई ही बधाई.

editor : guftgu ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 4:33 pm बजे

पाखी की ड्राइंग और पाखी की कविता हमने भी पढ़ी थी..इसे कहते हैं पूत के पांव पालने में. पाखी के उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनायें.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 4:40 pm बजे

रवीन्द्र अंकल जी,

ब्लागोत्सव में मुझे ''वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही चिट्ठाकारा'' का ख़िताब देने पर आपको तथा आयोजन से जुड़े सभी अंकल-आंटी जी लोगों को
ढेर सारा प्यार व आभार. अपना स्नेह व आशीर्वाद यूँ ही बनाये रहें.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 4:42 pm बजे

इस पोस्ट को मैंने आपने ब्लॉग 'पाखी की दुनिया' पर भी साभार लगा दिया है...

Akshitaa (Pakhi) ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 4:44 pm बजे

....आप सभी लोगों ने टिप्पणियां देकर मुझे मोटिवेट किया, इसके लिए आप सभी का आभार. अपना स्नेह व आशीर्वाद यूँ ही बनाये रहें.

Shyama ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 4:52 pm बजे

इस प्यारी सी नन्हीं सी गुडिया पाखी को शुभकामनायें व प्यार. आप नित सर्जनात्मकता की ओर अग्रसर हो.

Bhanwar Singh ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:01 pm बजे

जलवे हैं पाखी के...मम्मी-पापा की तरह अभी से सम्मान और ख़िताब. मम्मी-पापा का नाम खूब रोशन करो. हमारा आशीर्वाद सदैव आपके साथ है.

Bhanwar Singh ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:02 pm बजे

@ पाखी,
चूं-चूं पुस्तक हमें भी चाहिए, जिसके कवर-पेज पर आपकी सुन्दर सी फोटो लगी है. यह कैसे और कहाँ मिलेगी.

Akanksha Yadav ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:12 pm बजे

सबसे पहले तो रवीन्द्र प्रभात जी और ब्लागोत्सव की पूरी टीम को बधाई, जिन्होंने पूरे मनोयोग से ब्लॉग जगत की परिकल्पनाओं को मूर्त रूप देकर इसे उत्सवी-परंपरा में तब्दील किया है, उसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं. बिटिया पाखी को 'वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही चिट्ठाकारा' के ख़िताब हेतु चुने जाने पर मैं अपनी ख़ुशी को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकती. आप सभी के इस प्यार हेतु मेरे पास कोई शब्द नहीं हैं.

Akanksha Yadav ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:13 pm बजे

पाखी बिटिया को इस मंच के माध्यम से भी ढेरों प्यार और शुभकामनायें. यह आप सभी की हौसला अफजाई का ही नतीजा है कि पाखी और भी मन से ड्राइंग बनाने लगी हैं और कई बार बाल-गीतों की तुकबंदी में हम लोगों का साथ भी देने लगी हैं.

Udan Tashtari ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:18 pm बजे

अरे वाह!! हमारी पाखी को ढेर सारा प्यार, आशीर्वाद और डब्बा भर के लालीपॉप..:)

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:19 pm बजे

पाखी को इस उपलब्धि पर बधाइयाँ.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:20 pm बजे

आज ही सुबह विश्व-कप फुटबाल का भी रिजल्ट सामने आया और ब्लागोत्सव का भी...क्या माजरा है.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:28 pm बजे

सितारों की महफ़िल में आज अक्षिता पाखी बिटिया को देखकर बड़ा प्यार आया. आपके ऊपर तो आज आशीष बरसाने का मन कर रहा है और ढेर सारी चाकलेट खिलाने का मन भी.

Amit Kumar Yadav ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:34 pm बजे

यदि अक्षिता को ब्लोगोत्सव का सुपर स्टार कहा जाए तो शायद न कोई अतिश्योक्ति होगी और न शक की गुंजाईश ही । इसीलिए उसे ब्लोगोत्सव की टीम ने "वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही चिट्ठाकारा" का खिताब देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है....Clap for Akshita..Clap for Akshita..hip..hip...hurrey....

बीनाशर्मा ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:39 pm बजे

पूत के पाब पालने में ही दिखाई दे जाते है | पाखी को ढेर सारा प्यार |

KK Yadav ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:42 pm बजे

हमारी बेटी अक्षिता को इस ख़िताब हेतु चुने जाने पर ब्लागोत्सव आयोजन से जुड़े सभी लोगों का ह्रदय से आभार. यह ख़िताब पाखी के लिए लाजवाब और खूबसूरत साबित होगा.

KK Yadav ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:45 pm बजे

ब्लागोत्सव की परिकल्पना ने ब्लॉग जगत को नए आयाम दिए हैं. यह समग्र प्रयास स्तुत्य है. रवीन्द्र प्रभात जी सहित सभी जनों को इस शानदार आयोजन पर बधाई. ऐसे आयोजनों की प्रतीक्षा बनी रहेगी.

Shahroz ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 5:49 pm बजे

पाखी तो आज सभी के आकर्षण का केंद्र-बिंदु बनी हुई है. सितारों की रौशनी दूर तक जाती है, पाखी की प्रतिभा भी यूँ ही फैलती रही और आने वाले दिनों में समाज को नई राह भी दिखाए. कृष्ण कुमार और आकांक्षा जी को भी बधाई.

गीतेश ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 6:26 pm बजे

पाखी को इस उपलब्धि पर बधाइयाँ.

kshama ने कहा… 12 जुलाई 2010 को 6:56 pm बजे

Pakhee ko dher sara pyaar aur anek aashirwaad!

वाणी गीत ने कहा… 13 जुलाई 2010 को 7:31 am बजे

पाखी को बहुत बधाई , दुलार व शुभकामनायें ..!

Himanshu Pandey ने कहा… 13 जुलाई 2010 को 6:40 pm बजे

पाखी को बधाई व शुभकामनाएं !

S R Bharti ने कहा… 16 जुलाई 2010 को 9:59 am बजे

वाह पाखी, खूब पढो-लिखो और चित्र बनाओ...ढेर सारी खुशियाँ आपकी झोली में आयेंगीं.

S R Bharti ने कहा… 16 जुलाई 2010 को 9:59 am बजे

आपकी ममा ने अपने ब्लॉग 'शब्द-शिखर' पर लिखा है कि- ''जरुरत है आप भी बच्चों को स्पेस दें, उनकी बातों या पेन लेकर बनाये गए चित्रों को यूँ ही हवा में नहीं मानें, उनमें भी कुछ न कुछ छुपा है..बस जरुरत है पारखी निगाहों की'' ...वाकई सटीक विश्लेषण. तभी तो पाखी बिटिया ख़िताब ले गई. अब खुला राज...मुबारक हो.

शरद कुमार ने कहा… 16 जुलाई 2010 को 11:09 am बजे

पाखी को इस शानदार उपलब्धि पर ढेर सारे चाकलेट, केक और मिठाई.

Khushdeep Sehgal ने कहा… 18 जुलाई 2010 को 1:53 am बजे

पाखी की कीर्ति दिन दूनी रात चौगुनी गति से पूरी दुनिया को प्रकाशित करे, इसी कामना के साथ बहुत-बहुत बधाई,

रवींद्र जी और टीम ब्लॉगोत्सव २०१० का आभार...

जय हिंद...

 
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