आईये मेरी आवाज़ में एक और मुक्तक सुनिए-"हो सके तो ये जीवन सरल कीजिये,
प्रेम के कुछ सवालों का हल कीजिये ,
जिससे दिल टूट जाए किसी का यदि-
ऐसी कोई भी अब नाम पहल कीजिये !"

4 comments:

निर्मला कपिला ने कहा… 8 जुलाई 2010 को 8:59 am बजे

बहुत सुन्दर । मन भावन शब्द और आवाज। बधाई।

 
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