विवेकानन्द पाण्डेय पुत्र श्री अनिरुद्ध मुनि पाण्डेय मुख्यतः फैजाबाद का रहने वाले हैं . इनकी प्रारम्भिक शिक्षा इसी जिले के महबूब गंज तथा गोशाईगंज क्षेत्र से हुई. स्नातक तथा परास्नातक लखनऊ विश्व विद्यालय से तथा शोध कार्य (संस्कृत विषय में ) अवध विश्व विद्यालय से सम्प्रति प्रवित्त है. साहित्य और संस्कृत से अगाध प्रेम है. कवितायें लिखना और पढना नियमित कार्यों में शामिल है. संस्कृत में श्रद्धा होने के कारण ही इनका एक ब्लॉग संस्कृतं- भारतस्य जीवनम् सम्पूर्ण संस्कृत में ही है . प्रस्तुत है देश के अमर सपूतों की श्रद्धांजलि में अर्पित ये काव्य सुमन (कविता )----
!! इस देश की खातिर ही मर जाना !!
ये भावना है मेरी या कि दिल का बहाना
मैं चाहता हर एक को सीने से लगाना ।।
मा भारती का पुत्र हूं हिन्दू न मुसलमां
मैं प्यार उनसे करता हूं जो लोग है इन्सां
अब कौन हैं इन्सान ये तय कर ले जमाना
मैं चाहता हर एक को सीने से लगाना ।।
मजहब मेरा ईमान है भगवान है भारत
समृद्ध हो ये देश अपना है यही नीयत
सोने की चिडिया हिन्द को फिर चाहूं बनाना
मैं चाहता हर एक को सीने से लगाना ।।
जिसमें हुए पैदा, सम्भाला जिसमें ये जीवन
आओ सभी इस देश को अर्पित करें तन- मन
''आनन्द'' तू इस देश की खातिर ही मर जाना ।।
''आनन्द'' बस, इस देश की खातिर ही मर जाना ।।
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पेंटिंग : ललित शर्मा
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2 comments:
is josh ko barkrar rakhiye
achchha likha
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
बहुत सुन्दर रचना
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