विनोद कुमार पांडेय  की प्रारंभिक शिक्षादीक्षा वाराणसी में संपन्न हुई,तत्पश्चात उन्होंने   नोएडा के एक प्रसिद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज से एम.सी.ए. करने के बाद नोएडा में ही पिछले करीब 2 साल से एक बहुराष्ट्रीय कंपनी मे सॉफ़्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं .अपने बारे में ये कहते हैं -".खुद को गैर पेशेवर कह सकता हूँ, परंतु ऐसा लगता है की शायद साहित्य की जननी काशी की धरती पर पला बढ़ा होने के नाते साहित्य और हिन्दी से एक भावनात्मक रिश्ता जुड़ा हुआ प्रतीत होता है.लिखने और पढ़ने में सक्रियता २ साल से,पिछले 1वर्ष से ब्लॉग पर सक्रिय,हास्य कविता और व्यंग में विशेष लेखन रूचि,अब तक 5० से ज़्यादा कविताओं और ग़ज़लों की रचनाएँ,फिर भी इसे अभी लेखनी की शुरुआत कहता हूँ और उम्मीद करता हूँ की भविष्य में हिन्दी और साहित्य के लिए हमेशा समर्पित रहूँगा.लोगों का मनोरंजन करना और साथ ही साथ अपनी रचनाओं के द्वारा कुछ अच्छे सार्थक बातों का प्रवाह करना भी मेरा एक खास उद्देश्य होता है ."प्रस्तुत है इनकी कविता -


!! राजनीति और फिल्मी सितारे !!


मैने नही आप ने भी देखा इस बार,
राजनीति से फिल्मी सितारों का प्यार,
नोट के चपेट के लपेट मे सरपेट गये,इतने की,
संसद मे जाने को हो गये तैयार.
इसी चाहत मे जनाब ने बड़े-बड़े धक्के खाए,
मत पूछिए जनता ने कौन कौन से दिन दिखलाए,
कुछ खड़े थे,कुछ स्टेपनी बने, साथ मे घूमने आए थे,
भाषण तो आता नही था,डायलॉग ही चिपकाए थे,
मेरे देशवासियों,वोट देके देखो,फिर सुबह होगी,
नही दिखेगा, कही कोई भी,भूखा,नंगा और रोगी,
मौत के सौदाग़र के साथ खूनी खेल मे, बिन मौत मरेगा.
जो इस बेनाम बादशाह के साथ टकराने की, जुर्रत करेगा.
जीने नही दूँगा,दुश्मनो को जिंदा जला कर राख कर दूँगा,
चाँद तक दौड़ा कर मिसाइल से खाक कर दूँगा,
उनके नापाक इरादों के आगे, दीवार सा ठन जाऊँगा,
दिलीप कुमार से सन्नी देओल तक बन जाऊँगा.
ऐसे ही उटपटांग बातों से जनता को फुसला रहे थे,
कभी कॉमेडी के हीहीआते हीरो,कभी ट्रेजडी किंग बन जा रहे थे,
दाँत निपोरी से पार्लियामेंट तक के स्वप्न-ए-सफ़र मे डूब कर,
अपनी अदाकारी,कलाकारी,वफ़ादारी का तूनतूना बजा रहे थे.
अगर ऐसे ही बढ़ता रहा,सिलसिला इनके चुनाव लड़ने का,
मसिडीज़ छोड़ कर,बिना ब्रेक की साइकिल पर चढ़ने कर,
तो देखना आने वाला अगला चुनाव और भी मजेदार होगा,
जब दमदार नेताओं और फिल्मी सितारो के बीच मार होगा,
सोनिया के साथ ऐश्वर्या राय चुनावी पारी खेलेंगी,
विपाशा बशु को,सीधी सादी ममता बनर्जी जी झेलेंगी,
मेनका के सामने उर्वशी ढोलकिया रंग भरेंगी,
अंबिका सोनी को मल्लिका शेरावत दंग करेगी,
ऋतिक के सामने वीरप्पा मोइली आएँगे,
नरेंद्र मोदी से तुषार कपूर टकराएँगे,
लालू के रास्ते मे नाना पाटेकर अड़ेगें,
संजय दत्त डाइरेक्ट प्रधानमंत्री जी से लड़ेंगें.
अर्जुन सिंह के क्षेत्र से,ग़ज़नी स्टार खड़े मिलेंगे,
अपने रामपाल भइया भी,हाथी पर चढ़े मिलेंगे,
विनय पाठक,लालजी टंडन के वोट पर चोट मारेंगे,
विलास राव देशमुख, देखना, अपने ही बेटवा से हारेंगे.
इनके भी,अपने पार्टीओं की बड़ी बड़ी मीटिंग होगी,
देश चलाने के लिए,आपस मे दन,दना,दन सेटिंग होगी,
जान अब्राहम सामाजिक कल्याण,नशा उन्मूलन पर ज़ोर डालेंगे,
इमरान हाशमी युवाशक्ति जन मोर्चा की, बागडोर संभालेंगे.
शाहरुख ख़ान राष्ट्रीय खेल और जागरूकता बढ़ाएँगे,
परेश रावल जातीय समीकरण गड़बड़ाएंगे,
सन्नी देयोल तो वही बॉर्डर पर ही पड़े रहेंगे,
सपरिवार दुश्मनो के आगे मिसाइल लेकर खड़े रहेंगे.
सोचने मे ही हँसी आती है,ये क्रांति कैसी रंग लाएगी,
क्या मल्लिका सेरावत खद्दरधारी वस्त्र पहन पाएँगी,
जब कभी शांति यात्रा मे जाने के विचार दिल में ज़गेंगे,
तब सलमान ख़ान कुर्ते और टोपी मे कैसे लगेंगे.
बड़े ही सुंदर सुंदर लोग दिखेंगे,संसद के परिवेश मे,
गीत,संगीत ताक धीना-धिन,जम कर होगा खद्दरधारी वेश मे,
शूटिंग से जब फुरसत होगी,तो देश की बातें सोचेंगे,
क्या कर सकते है,वो सोचो अपने प्यारे देश मे.
इसके बाद कभी जब हम अपनी समस्या लेकर जाएँगे,
तब ये बैठ कर हमे मूवी का डायलॉग सुनाएँगे,
अपने देश मे लगी आग से जब हमारे परिजन मरेंगे,
और ये संसदीय उपवन मे डांस की प्रैक्टिस करेंगे.
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6 comments:

पूर्णिमा ने कहा… 3 मई 2010 को 3:02 pm बजे

आपकी रचना आकर्षित करती है .....आपको कोटिश: साधुवाद !

mala ने कहा… 3 मई 2010 को 3:12 pm बजे

सुन्दर और सारगर्भित रचना, बधाई !

mala ने कहा… 3 मई 2010 को 3:12 pm बजे

सुन्दर और सारगर्भित रचना, बधाई !

गीतेश ने कहा… 3 मई 2010 को 3:31 pm बजे

मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं !

अविनाश वाचस्पति ने कहा… 3 मई 2010 को 5:22 pm बजे

मिलीभगत और नेता अभिनेता का फर्जीवाड़ा

अभिनेता तो कल्‍पना में कर दिखाता है और

नेता अमल में लाकर कुर्सी हथियाता है।

सुरेश यादव ने कहा… 3 मई 2010 को 9:24 pm बजे

बधाई विनोद कुमार पाण्डेय .सुदर कविता है.

 
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