ललित शर्मा एक ऐसे सृजनकर्मी हैं जिनकी सृजनशीलता को किसी पैमाने में नहीं बांधा जा सकता ....अब तक आप सभी इन्हें गीतकार, शिल्पकार, कवि, रचनाकार आदि के रूप में जानते थे. आज हम उनके एक अलग रूप से परिचय कराने जा रहे हैं . जी हाँ चित्रकार और पेंटर बाबू के रूप में ....आज मैंने उत्सव में उनकी पेंटिंग की एक गैलरी लगाया है , इसमें से कुछ छायाचित्र सेविंग ब्लेड से बनाई हुयी है और कुछ एक्रेलिक कलर से . इनके निर्माण में ब्रुश की जगह सेविंग ब्लेड का प्रयोग किया है. तथा उससे ही कलर के स्ट्रोक दिये हैं . प्रस्तुत है उनकी कुछ पेंटिंग-
(१) अग्नि स्नान
(२) भूलभुलैया
(३) धरती
(४) एमु (एमु आस्ट्रेलियन बर्ड है
इसका वजन तो 200किलो तक होता है
लेकिन दिमाग डेढ इंच का है
इसलिए ज्यादा सोच नही सकती,वैसे है खरनाक सीधा दोनो पैरों से हमला करती है
आदमी की छाती पर
और मार डालती है)
आदमी की छाती पर
और मार डालती है)
(५)गुलदस्ता
(६) मुखौटा
(७) नक्सली इनकाउंटर
उपरोक्त पेंटिंग के सन्दर्भ में अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराबें !
41 comments:
रविन्द्र जी, ललित जी का यह नया रूप दिखाने के लिए धन्यवाद.. आभार...।
bahut sundar.
... छा गये ललित भाई !!!
... ढोल बाजे ढोल कि डमडम बाजे ढोल ...!!!
बहुत सुन्दर कलाकृतियाँ हैं ...
अरे वाह! ललित जी के घर कई बार जाना हुआ है किन्तु आज तक हमें उन्होंने कभी अपनी पेंटिंग्स नहीं दिखाया, दिखाना तो दूर इस विषय में कभी बताया तक नहीं।
धन्यवाद ललित जी की पेंटिंग्स दिखाने के लिये!
ललित जी का यह नया रूप दिखाने के लिए धन्यवाद..
आभार...
अद्भुत ...... ललित जी का यह पक्ष मुझे अधिक प्रभावित कर गया
wah lalitji ke is naye roop ko batane ke liye shukriya.lalitji bahut khubsoorat paintings hai aapki..
अरे वाह, ललित जी का यह नया रूप देख कर बहुत खुशी हुई।
laajabaab !
धन्यवाद ललित जी की पेंटिंग्स दिखाने के लिये!
...बहुत खूब, लाजबाब !
Lalit ji jawaab nahi aapka
सुपर्ब !... बहुत अच्छी पेंटिंग्स हैं ... इनमे सती वाली विश्व बंधुत्व वाली और असली चेहरा नकली चेहरा या मुखौटा वाली पेंटिंग्स विशेष रूप से अच्छी लगी ... नयी विधा के लिए हमारी शुभकामनाएं...
मुझे क्या बहुत से लोगों को पता नहीं था कि ललित शर्मा खूबसूरत चित्रकारी भी करते हैं। अच्छे चित्र है। एक न दिन हम कुछ मित्र लोग मिलकर इनकी प्रदर्शनी घासीदास संग्रहालय में जरूर लगवाएंगे।
बहुत-बहुत बधाई ललित भाई।
ललित सर ! आप इतनी अच्छी पेंटिंग करते हैं ,ये तो हमें मालूम ही नही था . गजब भाई बन्दूक-संगीन,कभी पेन और कभी रंग- ब्रश उठाते हैं.आप हैं क्या और क्या क्या ??
मल्टी टेलेंटेड हैं आप तो.
गाते वाते हों तो भी बता ही दीजिए,बाद में सबको चौंकाएंगे.
पेंटिंग्स के साथ जरा सा लिखा होता कि फलन पेंटिंग को बनाते समय आपने ये टेक्निक काम में ली है या ये माद्यम.
पहला चित्र ? मुझे तो कोई आग की लपटों में घिरी औरत दिख रही है.परिचय देते तो ज्यादा बेहतर रहता
बहुत ही सुन्दर लगी पेंटिंग्स ..
@ इंदु पुरी जी
प्रदर्शित चित्रों को मैने शेविंग ब्लेड से बनाया है।
इनमें ब्रश का इस्तेमाल नही हुआ है।
एक्रेलिक कलर का इस्तेमाल किया गया है।
बस कभी मुड बन जाता है तो यह काम भी कर लेता हुँ।
इसमें पेंटिग नम्बर 7 नक्सली मुड़भेड़ की है, जब मदनवाड़ा में 27 सुरक्षाबल के लोग एक एस पी सहित शहीद हुए थे
उम्दा प्रस्तुती ,आपको अनेक शुभकामनायें /
भईया हमको पता ही नहीं था कि आप इतने अच्छे पेंटिग भी बनाते हैं ।
वाह ! महाराज ! पेंटिंग देखकर तो मजा आ गया :)
ललित भाई तो बहुमुखी प्रतिभा के धनी है..वाह!! क्या कलाकारी है. आनन्द में झूम गये.
एक अपील:
विवादकर्ता की कुछ मजबूरियाँ रही होंगी, उन्हें क्षमा करते हुए विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.
हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.
-समीर लाल ’समीर’
हरफनमौला शिल्पी हैं। जय हो !
शेविंग ब्लेउड! नया माध्यम.
अरे इसका मतलब मैं भाग्यशाली हूँ जिसे ललित सर ने पहले ही बता रखा था कि वो पेंटिंग भी करते हैं.. वाह आभार ललित जी और रवींद्र जी का भी.. उनकी पेंटिंग यहाँ दिखाने के लिए..
jai ho lalit ki.... mine pahale bhi kahaa hai ki lalit yani bbahumukhi pratibha. aur ab to lalit-chitro ke madhyam se pratibha kaa ek aur aayam samane aa gaya. apni patrika ''sadbhavana darpan'' ke bhavishy k ank ke liye mujhe ab chitron ki kamee mahasoos nahi hogi. badjai lalit....
एक से एक खूबसूरत चित्र...सभी एक अलग अंदाज़ लिए हुए....
are wah lalit ji ki is lalit kala se to ham parichit hi na the..
एक अपील ;)
हिंदी सेवा(राजनीति) करते रहें????????
;)
बहुत ही सुन्दर.........
टाइम मशीन से यात्रा करने के लिए.... इस लिंक पर जाएँ :
http://my2010ideas.blogspot.com/2010/05/blog-post.html
गज़ब की पेंटिंग्स वो भी शेविंग ब्लेड से बनी हुई.
शानदार
ललित जी का जवाब नहीं
बहुत सुन्दर!
ललित जी आपने बहुत ही सुन्दर पेंटिंग्स बनाई हैं ब्लेड्स से
चित्र अच्छे हैं,ललित है भी बहुत अच्छे इंसान और पोस्ट भी अच्छी है।
वाह! बहुत बढ़िया
इस रूप का मुझे कतई अंदाज नहीं था
अब सावधान रहना होगा, ललित जी के हाथ में ब्लेड जो रहता है!!
सुन्दर भावपूर्ण चित्रों के लिए ललित भाई एवं इसे यहां प्रकाशित करने के लिए रविन्द्र भाई को धन्यवाद.
ललित भाई के चित्रों की प्रदर्शनी मुक्ताकाश में अपेक्षित है.
ग्रेट क्रियेटिविटी... और शेविंग ब्लेड का इस्तेमाल तो नायाब है..
ek aur talent lalit bhiya kya baat hai..
पत्रकार, ब्लॉगर, शूटर, पेंटर, कवि, भाषाविद्...और भी न जाने क्या क्या...
मैं ललित भाई को यूं ही शेर सिंह नहीं कहता...
जय हिंद...
हमारे आदरणीय अल्पना जी ने हमें इस (ब्लेड )माध्यम की जानकारी दी थी
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