परिकल्पना ब्लॉग उत्सव जैसे आयोजन आत्मचिंतन, आत्म विश्लेषण तथा एक दूसरे से स्वस्थ संवाद स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो, इससे बड़ी और कोई भूमिका मेरी दृष्टि में नहीं हो सकती है ....ब्लोगिंग की दुनिया एक मायानगरी है जो आपका महत्वपूर्ण समय नष्ट करने की ताक़त रखती है । अत: ब्लोगिंग को अपनी विवशता न बनाएं अपितु अपनी चिन्तनशील वैचारिक अभिव्यक्ति की तीब्रता के लिए ब्लोगिंग को माध्यम बनाएं ...!
() प्रेम जनमेजय, व्यंग्यकार
कैनविज टाईम्स (हिंदी साप्ताहिक )
लखनऊ संस्करण /०१ अगस्त२०१०
Related Posts
कैनविज़ टाईम्स में ब्लोगोत्सव की चर्चा
परिकल्पना ब्लॉग उत्सव जैसे आयोजन आत्मचिंतन, आत्म विश्लेषण तथा एक दूसरे से स्वस्थ संवाद स्थापित क[...]
वर्ष के श्रेष्ठ पुरुष और श्रेष्ठ महिला ब्लोगर की चर्चा डी एल ए अखवार में
आगरा से प्रकाशित हिंदी दैनिक डी एल ए में दिनांक ०४.०९.२०१० को ब्लॉग चिंतन के अंतर्गत लोकसंघर्ष परिक[...]
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
5 comments:
बहुत बहुत बधाई।
बिलकुल सही कहा आपने। बहुत बहुत बधाई।
बहुत बहुत बधाई।
बधाईयाँ !
ब्लोगोत्सव हिंदी ब्लोगिंग के लिए इस सदी की बड़ी उपलब्धि है ...इसमें कोई संदेह नहीं !
एक टिप्पणी भेजें