![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgaqETqFpYXKf_rSNDuSVFDAPGQ43yb3sUJaBHH-7DyagEv0aimpNjCjLIDVX_nR10ssIdPMnSTw5jr1CKfZhNTTlH9FN9C5sDqASS86B8L8Kia-LhS2qoX2K_5SDcJkd_xkMCyeUz6QDA/s400/vatvriksh.jpg)
कहते हैं समय ठहरता नहीं , मौसम बदलते हैं , तेवर बदलते हैं , चाँद भी पूर्णता से परे होता है
और अमावस की रात आती है ... यूँ कहें अमावस जीवन का सत्य है, एक अध्यात्म की खोज -
जहाँ से ज्ञान मार्ग शुरू होता है ........
यह कहना है कवियित्री रश्मि प्रभा का , जिनके संचालन-समन्वयन में आज से वटवृक्ष का शुभारंभ किया जा रहा है
वटवृक्ष पर आज पढ़िए-
मुक्ति ! (यहाँ किलिक करें )
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें