परिकल्पना ब्लॉग उत्सव जैसे आयोजन आत्मचिंतन, आत्म विश्लेषण तथा एक दूसरे से स्वस्थ संवाद स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो, इससे बड़ी और कोई भूमिका मेरी दृष्टि में नहीं हो सकती है ....ब्लोगिंग की दुनिया एक मायानगरी है जो आपका महत्वपूर्ण समय नष्ट करने की ताक़त रखती है । अत: ब्लोगिंग को अपनी विवशता न बनाएं अपितु अपनी चिन्तनशील वैचारिक अभिव्यक्ति की तीब्रता के लिए ब्लोगिंग को माध्यम बनाएं ...!

() प्रेम जनमेजय, व्यंग्यकार
कैनविज टाईम्स (हिंदी साप्ताहिक )
लखनऊ संस्करण /०१ अगस्त२०१०

5 comments:

vandana gupta ने कहा… 7 सितंबर 2010 को 10:51 am बजे

बहुत बहुत बधाई।

निर्मला कपिला ने कहा… 7 सितंबर 2010 को 11:22 am बजे

बिलकुल सही कहा आपने। बहुत बहुत बधाई।

mala ने कहा… 7 सितंबर 2010 को 3:46 pm बजे

बहुत बहुत बधाई।

गीतेश ने कहा… 7 सितंबर 2010 को 3:50 pm बजे

ब्लोगोत्सव हिंदी ब्लोगिंग के लिए इस सदी की बड़ी उपलब्धि है ...इसमें कोई संदेह नहीं !

 
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