संगीता पुरी जी आज के चर्चित हिंदी चिट्ठाकारों में से एक हैं , इन्होने पोस्ट-ग्रेज्युएट डिग्री ली है अर्थशास्त्र में .. पर सारा जीवन समर्पित कर दिया ज्योतिष को .. ज्योतिष का गम्भीर अध्ययन-मनन करके उसमे से वैज्ञानिक तथ्यों को निकालने में सफ़लता पाते रहना .. बस यही सकारात्मक सोंच रखती हैं ये .. सकारात्मक काम करती हैं .. हर जगह सकारात्मक सोंच देखना चाहती हैं .. आकाश को छूने के सपने हैं इनके .. और उसे हकीकत में बदलने को ये हमेशा प्रयासरत रहती हैं, इनके महत्वपूर्ण व्यक्तिगत ब्लॉग है-गत्यात्मक चिंतन /गत्यात्मक ज्योतिष /हमारा खत्री समाज /हमारा जिला बोकारो आदि । संगीता जी की कहानियां अत्यंत सारगर्भित और भावपूर्ण होती है ब्लोगोत्सव के दौरान इनकी एक कहानी थम गया तूफ़ान प्रकाशित हुयी थी , जिसे आधार बनाते हुए ब्लोगोत्सव की टीम ने उन्हें वर्ष की श्रेष्ठ सकारात्मक महिला ब्लोगर का अलंकरण देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है ! "जानिये अपने सितारों को" के अंतर्गत प्रस्तुत है उनसे पूछे गए कुछ व्यक्तिगत प्रश्नों के उत्तर- |
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(१) पूरा नाम :
संगीता पुरी
(२) पिता/माता/पति का नाम/जन्म स्थान :
श्री विद्या सागर महथा/वीणा देवी/श्री अनिल कुमार/पेटरवार
(३) वर्तमान पता :
81, कॉपरेटिव कॉलोनी , बोकारो स्टील सिटी , बोकारो
ई मेल का पता : gatyatmakjyotish@gmail।com
टेलीफोन/मोबाईल न. 06542255102/09835192280
(४) प्रमुख व्यक्तिगत ब्लॉग :
.sangeetapuri.blogspot.com
(५) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त अन्य ब्लॉग पर गतिविधियों का विवरण :
मेरे अपने अन्य ब्लॉग ...
www.gatyatmakchintan.blogspot.com
www.jyotishsikhe.blogspot.com
www.khatrisamaj.blogspot.com
www.bokarozila.blogspot.com
www.computerhindi.blogspot.com
अपने गुरू पिताजी के साथ मिलकर ...
www.jyotishsachyajhuth.blogspot.com
इनके अतिरिक्त जे सी फिलिप जी के ब्लॉग ‘मां’ , अविनाश वाचस्पति जी के ब्लॉग ‘नुक्कड’ और ‘साहित्य शिल्पी’ में भी यदा कदा मैं अपने आलेख पोस्ट किया करती हूं। ललित शर्मा जी के 'ब्लॉग4वार्ता' में भी प्रत्येक सोमवार को हिंदी चिट्ठों की चर्चा करती हूं। आनेवाले सप्ताह के ग्रहों की स्थिति को देखकर शेयर बाजार का अनुमान करते हुए मैं 'मोल तोल' में भी साप्ताहिक कॉलम लिखती हूं।
(६) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त आपको कौन कौन सा ब्लॉग पसंद है :
मैं अपने रूचि के विषयों को पढना पसंद करती हूं , इसलिए अधिकांश समय पढने के लिए लेखों का चुनाव एग्रीगेटर के माध्यम से करती हूं , फुर्सत होने पर अधिक से अधिक को पढना पसंद करती हूं ,टिप्पणियों के कारण किसी विषय के हर पक्ष की जानकारी होती है। पर फुर्सत न होने के कारण बहुत लंबे लेख या कहानियों को नहीं पढ पाती, इस प्रकार लेखक या ब्लॉग के अनुसार नहीं , मैं अपनी रूचि और सुविधा के अनुसार पोस्टों को पढा करती हूं।
(७) ब्लॉग पर कौन सा विषय आपको ज्यादा आकर्षित करता है?
सामयिक मुद्दे मुझे अधिक अच्छे लगते हैं , संस्मरण , व्यवहारिक बातें और परंपरागत ज्ञान विज्ञान से संबंधित लेख तो मुझसे अछूते नहीं रहते।
(८) आपने ब्लॉग कब लिखना शुरू किया ?
मैने अगस्त 2007 से ब्लॉग लिखना शुरू किया।
(९) यह खिताब पाकर आपको कैसा महसूस हो रहा है ?
ब्लॉग जगत में सारे लोगों का सहयोग और अपनी पहचान बनते देखकर ही मैं खुश हूं , इस खिताब ने तो धन्य कर दिया।
(१०) क्या ब्लोगिंग से आपके अन्य आवश्यक कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं होता ?
मैं उम्र के इस पडाव पर पहुंच गयी हूं कि पारिवारिक जबाबदेहियां कम हैं , इसलिए बहुत अधिक दिक्कत की बात तो नहीं , फिर भी किसी क्षेत्र में अपना अधिक समय देने में अपने ज्योतिषीय अध्ययन मनन में कुछ दिक्कतें तो आती हैं।
यदि होता है तो उसे कैसे प्रबंध करती है ?
समय प्रबंधन के बिना कई काम एक साथ चल ही नहीं सकते , कई तरह के काम हो तो चारो ओर ताल मेल तो बिठाना ही पडता है।
(११)ब्लोगोत्सव जैसे सार्वजनिक उत्सव में शामिल होकर आपको कैसा लगा ?
सारे ब्लोगर बंधुओं और उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं के मध्य अपनी रचनाओं को मंच पर देखकर बहुत ही अच्छा लगा ।
(१२) आपकी नज़रों में ब्लोगोत्सव की क्या विशेषताएं रही ?
ऑडियो, वीडियो और सुंदर लेखों से सुसज्जित ब्लोगोत्सव ब्लॉग जगत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण परिकल्पना थी। आधे ब्लोगोत्सव के दौरान मैं तो बाहर रही , पर नियमित तौर पर इसकी प्रविष्टियों पर मेरी निगाह बनी रही। महत्वपूर्ण साहित्यकारों और उनकी रचनाओं को भी पढना अच्छा लगा। साक्षात्कार वाली प्रविष्टियों ने जहां महत्वपूर्ण ब्लोगरों से हमारा परिचय करवाया , वहीं विविधता भरी प्रविष्टियों से ब्लोगोत्सव ने न सिर्फ हमारा ज्ञानवर्द्धन , अपितु मनोरंजन भी किया। ब्लॉग जगत में नए आनेवालों के लिए भी यह बहुत लाभकारी रहा।
(१३) ब्लोगोत्सव में वह कौन सी कमी थी जो आपको हमेशा खटकती रही ?
ब्लोगोत्सव में जो कमी मुझे नजर आयी , वो यह कि यह बहुत जल्द समाप्त हो गयी।
(१४)क्या इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना चाहिए ?
जरूर , ऐसा आयोजन हर वर्ष होना चाहिए।
(१५)आपको क्या ऐसा महसूस होता है कि हिंदी ब्लोगिंग में खेमेवाजी बढ़ रही है ?
मैं नहीं मानती कि हिंदी ब्लॉगिंग में खेमेबाजी बढ रही है। दुनिया में कहीं भी एक जैसी मानसिकता , सोंच रखनेवाले साथ साथ रहना पसंद करते हैं , उनका खास ग्रुप बन जाता है। हिंदी ब्लॉग जगत भी तो दुनिया का ही प्रतिनिधित्व कर रहा है , यहां भी विचारों का टकराव है , ग्रुप बन ही सकता है।
(१६) यदि हाँ तो क्या यह हिंदी चिट्ठाकारी के लिए अमंगलकारी नहीं है ?
नहीं , मुझे ऐसा कभी नहीं लगा कि किसी ग्रुप में होते हुए भी कोई ब्लॉगर हिंदी ब्लॉग जगत के अहित की सोंच रहा है। इसलिए अमंगल की कोई बात नहीं हो सकती।
(१७) आप कुछ अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बताएं :
मेरा व्यक्तिगत जीवन भी अब 'गत्यात्मक ज्योतिष' पर ही केन्द्रित हो गया है , 20.25 वर्षो से ज्योतिष का अध्ययन और रिसर्च करने के बाद इसी विषय पर लेखन कर रही हूं , आजीवन इसकी तरक्की के लिए काम करना और ज्योतिष को मानवोपयोगी बनाना ही मेरा लक्ष्य है। मैं जन जन तक ज्योतिष का हल्का फुल्का ज्ञान पहुंचाना चाहती हूं , ताकि लोग ग्रहों को देखते हुए अपने जीवन का महत्वपूर्ण फैसला अच्छी तरह कर सकें, क्यूंकि सत्य क्या है , इसे जानना हर मनुष्य के लिए आवश्यक है।
(१८) चिट्ठाकारी से संवंधित क्या कोई ऐसा संस्मरण है जिसे आप इस अवसर पर सार्वजनिक करना चाहती हैं ?
चिट्ठाकारी में ज्योतिष जैसे विषय को देखकर यदा कदा कुछ लोगों ने मेरा विरोध जरूर करना चाहा , पर बहुतों का सहयोग भी मेरे साथ रहा और यही कारण है कि मैं अभी तक यहां टिकी हुई हूं। सारी बातें तो सभी चिट्ठाकार को मालूम है, लिखने की आवश्यकता नहीं , सभी पाठकों की मैं शुक्रगुजार हूं।
बहुत बहुत धन्यवाद .....इस अवसर पर ऋग्वेद की दो पंक्तियां आपको समर्पित है कि - ‘‘आयने ते परायणे दुर्वा रोहन्तु पुष्पिणी:। हृदाश्च पुण्डरीकाणि समुद्रस्य गृहा इमें ।।’’अर्थात आपके मार्ग प्रशस्त हों, उस पर पुष्प हों, नये कोमल दूब हों, आपके उद्यम, आपके प्रयास सफल हों, सुखदायी हों और आपके जीवन सरोवर में मन को प्रफुल्लित करने वाले कमल खिले। |
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प्रस्तुति : रवीन्द्र प्रभात
12 comments:
संगीता जी को बहुत-बहुत बधाईयाँ !
बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.
संगीता जी को बहुत-बहुत बधाईयाँ !
बहुत-बहुत बधाईयाँ !
संगीता जी को बधाईयाँ !
संगीता जी को बहुत बहुत बधाई
एवं शुभकामनाएं
सकारात्मकता के लिए सुभाष और संगीता जी। तीनों स से। क्या खूब रही। एक सार्थक सकारात्मकता। बधाई तीनों को। अब यह मत पूछिएगा कि तीसरा कौन ?
संगीता पूरी जी को वर्ष की श्रेष्ठ सकारात्मक महिला ब्लोगर का पुरस्कार मिलने पर बहुत-बहुत बधाई
संगीता जी को काफी पढ़ा है गज़ब की शैली है उनकी, ज्योतिष के अलावा अन्य विषयों पर समान अधिकार रखने वाली इस सम्मानित महिला रचनाकार का बहुत सम्मान है मेरे दिल में ...
संगीता जी को मेरी ओर से बहुत सारी बधाइयां.
परिकल्पना की पूरी टीम के साथ आप सबों का बहुत आभार !!
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