देश की स्वतन्त्रता :राम प्रसाद वर्मा 'सरस'
देश की स्वतन्त्रता!
हो गए शहीद जो देश की स्वतन्त्रता में,
आज उनको ही ये भुला रही स्वतन्त्रता।
राजनीति ला रही है देश में प्रयोगवाद,
नित्य प्रति देख उकता रही स्वतन्त्रता।
एक से स्वतन्त्र दूसरे से हुए परतन्त्र,
कैसे-कैसे रूप ये दिखा रही स्वतन्त्रता।
किसी स्वाभिमानी को लुभा रही स्वतन्त्रता तो,
किसी स्वाभिमानी को रुला रही स्वतन्त्रता।
()राम प्रसाद वर्मा 'सरस'
http://saras.eunnao.com/
1 comments:
बहुत सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति
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