ब्लोगोत्सव-२०१० की भव्य शुरुआत श्री संजीव वर्मा 'सलिल' की लिखी वाणी वन्दना से हुई जिसे स्वर देकर सुर-सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी प्रवाहित करने में जिस महिला चिट्ठाकारा की अहम् भूमिका रही वह हैं श्रीमती स्वप्न मंजूषा "अदा" . ब्लोगोत्सव-२०१० के पूरे परिदृश्य को आयामित करने में जिन चिट्ठाकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही उनमें से एक हैं अदा जी . ब्लोगोत्सव-२०१० की टीम ने परिकल्पना द्वारा आयोजित इस उत्सव को एक नया आयाम देने के दृष्टिगत और पूरे वर्ष भर अपनी सारगर्भित टिप्पणियों तथा पोस्ट के माध्यम से लोकप्रियता का नया अध्याय बनाने वाली कवयित्री और चिट्ठाकारा स्वप्न मंजूषा 'अदा' को वर्ष की श्रेष्ठ महिला चिट्ठाकारा के रूप में अलंकृत करते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है. " जानिये अपने सितारों को" के अंतर्गत आज प्रस्तुत है उनसे पूछे गए कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर-

(१)आपका पूरा नाम :

स्वप्न मंजूषा 'अदा'
(२)आपके पिता का नाम /जन्म स्थान :

श्री वीरेन्द्र नाथ कुँवर (बहुत दिनों बाद हमको मौका मिला है अपने बाबा का नाम लिखने का, इसलिए गर्व से लिखते हैं हम उनकी बेटी हैं ), राँची में पैदा हुए हैं हम ..
(३) आपका वर्तमान पता :

२४ नोबलेस अवेन्यु, ओटावा, ओंटारियो, कनाडा
(३)आपका ई मेल का पता :

kavya.manjusha@gmail.com
(३)आपका टेलीफोन/मोबाईल न.


(613) 843-8499

(४)आपके प्रमुख व्यक्तिगत ब्लॉग :


http://swapnamanjusha.blogspot.com/


(५) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त अन्य ब्लॉग पर गतिविधियों का विवरण :


वैसे तो कई सामूहिक ब्लाग्स के साथ जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ , परन्तु समयाभाव के कारण ज्यादा सहयोग नहीं दे पाए हैं हम ..

(६) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त आपको कौन कौन सा ब्लॉग पसंद है ?


इस प्रश्न का जवाब बहुत लम्बा हो जाएगा.....क्योंकि फेहरिस्त लम्बी है ..

(७) ब्लॉग पर कौन सा विषय आपको ज्यादा आकर्षित करता है?


हमें दो तरह के विषय आकर्षित करते हैं....एक जिनके बारे में हम बिलकुल भी ज्ञान नहीं रखते हैं...दूसरा जिनके बारे में हम जानना चाहते हैं ...

(८) आपने ब्लॉग कब लिखना शुरू किया ?


http://swapnamanjusha.blogspot.com/ पर लिखते हुए एक साल पूरा हो गया है...

(९) यह खिताब पाकर आपको कैसा महसूस हो रहा है ?


पुरस्कार पाकर कोई भी ख़ुश होगा...इन्तहाई ख़ुशी महसूस कर रहे हैं ....लेकिन मन में कहीं एक शंका है...सच कहें हम तो हम ख़ुद को इस योग्य बिल्कुल भी नहीं मानते हैं...न जाने कितनी प्रतिभाशाली हस्तियाँ हैं ..जो इस तरह के ईनाम की हक़दार हैं..हम तो ख़ुद को पहली सीढ़ी पर भी नहीं पाते हैं.....एक गाना याद आ रहा है ....जिसे कुछ इस तरह से गा सकते हैं हम ...ये ख़िताब लेके सनम पाँव कहीं रखते हैं हम ....कहीं पड़ते हैं कदम...आप लोगों ने हमारे ब्लॉग को, हमारी कृतियों को पढ़ने के योग्य समझा यही काफी था हमारे लिए.....और अब तो ख़िताब भी दे दिया...फिर का कहें ...यही कहेंगे ..आपकी नज़रों ने समझा इस क़ाबिल हमें ...दिल कि ऐ धड़कन ठहर जा.. नहीं कहेंगे...खामखाह दुश्मन (अगर कोई है तो ) ख़ुश हो जायेंगे और उन्हें पोस्ट लिखने का मौका मिल जाएगा....हा हा हा..

(१०) क्या ब्लोगिंग से आपके अन्य आवश्यक कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं होता ?


बात ई है कि ब्लॉग्गिंग से हमको का तकलीफ होगी भला ...तकलीफ तो बाकी लोगों को होती है...सब बोलते हैं कि जब देखो तब इसी में लगी रहती है....हम सुनकर भी कान में तेल दिए रहते हैं और मजे में करते हैं ब्लागगिंग ...हाँ नहीं तो...!!

(११) यदि होता तो उसे कैसे प्रबंध करती ?


कहा न बाकी लोग adjust करते हैं...और हम करते हैं ब्लागिंग ..हा हा हा हा ...

(11) ब्लोगोत्सव जैसे सार्वजनिक उत्सव में शामिल होकर आपको कैसा लगा ?


बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा....उत्सव प्रत्यक्ष हो या परोक्ष ...उसका आनंद ही कुछ और होता है..

(१२) आपकी नज़रों में ब्लोगोत्सव की क्या विशेषताएं रही ?


इसकी सबसे बड़ी विशेषता थी...ब्लॉग पर उत्सव का माहौल बना देना...अपने आप में यह अनूठा प्रयास था...और रश्मि प्रभा जी, ख़ुशबू ने कमाल कर दिया..उनका प्रतुतिकरण बहुत बहुत कलात्मक रहा...कई नए talents से मिलना हुआ इस बहाने....

(१३) ब्लोगोत्सव में वह कौन सी कमी थी जो आपको हमेशा खटकती रही ?


ब्लागोत्सव में कोई कमी नहीं थी....लेकिन जाने क्यों हमें ये सालता रहा कि टिप्पणियाँ कम आईं...हो सकता है बहुत लोगो ने इस उत्सव का आनंद लिया...परन्तु टिप्पणियाँ नहीं किया होगा...अब कोई माने की न माने टिप्पणियाँ मापदंड हों की न हों....मन में ख़ुशी तो होती ही है देख कर ...

(१४) ब्लोगोत्सव में शामिल किन रचनाकारों ने आपको ज्यादा आकर्षित किया ?


ऐसा है कि उत्सव में यह बताना कि आपको किसका करतब सबसे अच्छा लगा थोड़ा कठिन तो है ही...ज़ाहिर सी बात है जो भी यहाँ शामिल हुआ ...अपनी सबसे अच्छी प्रविष्ठी के साथ ही शामिल हुआ...ये तो वही बात हो गई कि आप हमसे पूछें कि आपको आपकी दाहिनी आँख पसंद है या बायीं...:)

(१५) किन रचनाकारों की रचनाएँ आपको पसंद नहीं आई ?


अब हम आपसे पूछते हैं कि आपने ऐसी रचना शामिल की थी क्या जो किसी को पसंद न आये....?? अगर की थी तो आप ही बता दीजिये उनका नाम...हाँ नहीं तो..!!

(१६) क्या इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना चाहिए ?


ये भी कोई पूछने की बात है....हम हिन्दुस्तानियों को तो ख़ुश होने का बहाना चाहिए....और फिर बहाना अगर इतना हसीन हो तो फिर क्यों नहीं....हर साल होना ही चाहिए इस उत्सव का आयोजन....और हम सभी आपके साथ हैं...

(१७) आपको क्या ऐसा महसूस होता है कि हिंदी ब्लोगिंग में खेमेवाजी बढ़ रही है ?


यह सवाल बहुत दिनों तक मेरे दीमाग में भी उमड़-घुमड़ करता रहा...और आज इसी मंच पर हम अपनी ग़लती स्वीकार करते हैं...पहले हम सौ प्रतिशत इस बात को मानते थे कि यहाँ खेमेबाज़ी है...लेकिन अब बात समझ में आई है...आप इसे खेमेबाजी नहीं कह सकते हैं...यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे आप हर किसी से दोस्ती नहीं कर सकते हैं...आप दोस्त उसी को बनाते हैं जिससे आपके विचार मिलते हैं...और यही यहाँ भी हो रहा है...एक सी पसंद बात-विचार वाले लोग एक साथ रहते हैं....आप को अगर मौका मिल भी जाए उनके साथ उठने बैठने का , मिलने-जुलने का आप इस दोस्ती को ज्यादा लम्बा नहीं खींच पायेंगे....आप ख़ुद ही उनसे दूर हो जायेगे...क्योंकि न वो सहज हो पायेंगे आपके साथ न ही आप....और इसका कारण आपके विचार, उम्र, पसंद कुछ भी हो सकता है...अब आप इसे खेमेबाजी कह लें या जो मर्ज़ी कह लें....देर से ही सही अब मुझे समझ में आया है कि यहाँ खेमेबाजी नहीं है...

(१८) यदि हाँ तो क्या यह हिंदी चिट्ठाकारी के लिए अमंगलकारी नहीं है ?


अरे नहीं जनाब...हिंदी चिट्ठाकारी का भविष्य उज्जवल है...इसका कारण है प्रतिदिन नए लोगों का इससे जुड़ना....नए ताज़ा Ideas का आना....सबसे अच्छी बात यह है...नई पीढी का इस जगत में पदार्पण ....वो जब तक आते रहेंगे...हिंदी चिट्ठाजगत का बाल भी बांका नहीं होगा...

(१९) आप कुछ अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बताएं :


व्यक्तिगत बोले तो ...!!...एक उम्र के बाद वैसे भी आप कतार में सबसे पीछे खड़े होते हैं...मेरे ३ बच्चे हैं, मेरी दुनिया उनसे शुरू और उन्ही पर ख़त्म हो जाती है...ख़ुद को ख़ुशकिस्मत मानती हूँ कि उन तीनों ने मुझे अपनी माँ स्वीकारा है....मेरे माँ-पिता जी को मैंने बहुत परेशान किया था बचपन में ...अकेली लाडली बेटी थी...मेरी माँ मुझसे कहा करती थी...जब तुम्हारे बच्चे होंगे तो वो भी तुम्हें ऐसे ही तंग करेंगे...तब मैं बहुत ख़ुश होऊँगी...लेकिन मेरी माँ को इस मामले में ख़ुश होने का मौका ही नहीं मिला....हा हा हा हा ...

(२०) चिट्ठाकारी से संवंधित क्या कोई ऐसा संस्मरण है जिसे आप इस अवसर पर सार्वजनिक करना चाहती हैं ?


यहाँ ब्लॉग्गिंग करते हुए अभी कुछ ही समय हुआ है..परन्तु हर तरह का अनुभव प्राप्त हो गया है...सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि अदृश्य लोगों से राग-द्वेष सब कुछ होता रहा है....मुझे याद है बिल्कुल शुरू में जब मैं पोस्ट डालती थी तो..भारत में सुबह के ५ बजे होते थे औत कनाडा में शाम के ७-३०...और जैसा कि आप जानते हैं आज कल विजेट से पता चल जाता है कि कौन आपके ब्लॉग पर आया है....हर सुबह ठीक ५ बजे मुझ नज़र आता था राजस्थान जयपुर ...और उसके तुरंत बाद एक कमेन्ट 'वाणी गीत' का ...उनको देखते ही मैं भारत की अलसुबह के दर्शन करती थी....बिल्कुल वही अहसास होता था जैसे सुबह कि किरणे फूट रहीं हैं ..चिड़ियों कि चहचहाहट...मंदिर की घंटी, मस्जिद की अजान...एक सुन्दर सी गोरी इधर से उधर छमछम करती हुई आ-जा रही है...यह ख़याल मेरे मन में बहुत दिनों तक आता रहा ...आख़िर मैंने वाणी को ईमेल कर ही दिया....और आज वो मेरे दिल के सबसे ज्यादा करीब है...उससे करीब कोई नहीं....

(२१) अपनी कोई पसंदीदा रचना की कुछ पंक्तियाँ सुनाएँ : (यदि आप चाहें तो यहाँ ऑडियो का प्रयोग भी कर सकती हैं )


वैसे तो ख़ुद को अपनी कृतियाँ पसंद ही आती हैं लेकिन कुछ नयी कवितायें हैं जिन्हें मैं रिकॉर्ड करके भेज दूँगी....


जी बहुत बहुत धन्यवाद अदा जी, आपने अपना बहुमूल्य समय दिया ब्लोगोत्सव को .....इस अवसर पर ऋग्वेद की दो पंक्तियां आपको समर्पित है कि - ‘‘आयने ते परायणे दुर्वा रोहन्तु पुष्पिणी:। हृदाश्च पुण्डरीकाणि समुद्रस्य गृहा इमें ।।’’अर्थात आपके मार्ग प्रशस्त हों, उस पर पुष्प हों, नये कोमल दूब हों, आपके उद्यम, आपके प्रयास सफल हों, सुखदायी हों और आपके जीवन सरोवर में मन को प्रफुल्लित करने वाले कमल खिले।

प्रस्तुति: रवीन्द्र प्रभात

13 comments:

संगीता पुरी ने कहा… 14 अगस्त 2010 को 11:46 am बजे

रविंद्र प्रभात जी का शुक्रिया .. उनके बहाने अदा जी के बारे में बहुत जानकारी मिली .. अदा जी को बहुत बधाई और शुभकामनाएं .. और संग संग वाणी गीत जी को भी .. अदाजी के दिल में गहरे जो उतर गयी हैं !!

वाणी गीत ने कहा… 14 अगस्त 2010 को 1:05 pm बजे

दिखा गयी यहाँ भी अदाकारी ...
तभी तो इनकी अदाओं का जादू पूरे ब्लॉगजगत के सर चढ़ कर बोलता है ...
बहुत बधाई व शुभकामनायें ....!

mala ने कहा… 14 अगस्त 2010 को 3:01 pm बजे

अदा जी को बहुत बहुत बधाई.

गीतेश ने कहा… 14 अगस्त 2010 को 3:02 pm बजे

बहुत बधाई व शुभकामनायें ....!

पूर्णिमा ने कहा… 14 अगस्त 2010 को 3:04 pm बजे

हार्दिक बधाई।

Khushdeep Sehgal ने कहा… 14 अगस्त 2010 को 4:49 pm बजे

ये तो होना ही था...

हां नहीं तो...

अदा जी को उनकी मेहनत के फल के लिए बहुत-बहुत बधाई...

जय हिंद...

Udan Tashtari ने कहा… 14 अगस्त 2010 को 5:24 pm बजे

अदा जी को बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.

Smart Indian ने कहा… 14 अगस्त 2010 को 8:26 pm बजे

अदा जी को इस सम्मान के लिये हार्दिक बधाई व शुभकामनायें!
कमाल हो गया कि भारत के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व सन्ध्या पर हिन्दी के दोनों टॉप सम्मान कनाडा ले गया।
जय हिंद!

प्रमोद ताम्बट ने कहा… 14 अगस्त 2010 को 9:33 pm बजे

अदा जी जी को बहुत बहुत बधाईयाँ।

उन्मुक्त ने कहा… 15 अगस्त 2010 को 10:18 am बजे

मेरी तरफ से बधाई।

निर्मला कपिला ने कहा… 15 अगस्त 2010 को 10:59 am बजे

अदा जी के बारे मे बहुत कुछ जान कर अच्छा लगा। धन्यवाद और सब को स्वतंत्रता दिवस कि ढेर सारी शुभकामनाएँ

मनोज कुमार ने कहा… 15 अगस्त 2010 को 8:36 pm बजे

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आप एवं आपके परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ!

 
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