श्री ज्ञान दत्त पाण्डेय जी हिंदी चिट्ठाकारी के महानायक हैं , इसमें कोई संदेह नहीं !उनकी उपस्थिति मात्र से ब्लोगोत्सव का वातावरण गंगा के पावन जल का स्पर्श कर पावनमय हो गया था ....ब्लोगोत्सव पर प्रकाशित इनके तीन वर्षों की चिट्ठाकारी के संस्मरण को आधार मानते हुए ब्लोगोत्सव की टीम ने इन्हें वर्ष के श्रेष्ठ आदर्श ब्लोगर का अलंकरण देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है ! "जानिये अपने सितारों को" के अंतर्गत आज प्रस्तुत है उनसे पूछे गए कुछ व्यक्तिगत प्रश्नों के उत्तर- |
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(१) पूरा नाम :
ज्ञानदत्त पाण्डेय
(२) पिता/माता का नाम/जन्म स्थान :
श्री चिन्तामणि पाण्डेय, गांव शुक्लपुर, जिला इलाहाबाद
(३) वर्तमान पता :
४७/२, सुन्दरबाग, शिवकुटी, पोस्ट तेलियरगंज, इलाहाबाद - २११००४
(३) ई मेल का पता :
gyanduttpandey@gmail.com
(३) टेलीफोन/मोबाईल न. ९७९४८३५९०१
(४) आपके प्रमुख व्यक्तिगत ब्लॉग :
मानसिक हलचल
(५) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त अन्य ब्लॉग पर गतिविधियों का विवरण : -
समय नहीं मिल पाता
(६) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त आपको कौन कौन सा ब्लॉग पसंद है :
मेरे ब्लॉग के ब्लॉगरोल पर उपलब्ध।
(७) ब्लॉग पर कौन सा विषय आपको ज्यादा आकर्षित करता है? -
मैं।
(८) आपने ब्लॉग कब लिखना शुरू किया ?
सन २००७, प्रारम्भ।
(९) यह खिताब पाकर आपको कैसा महसूस हो रहा है ?
अच्छा ही !
(१०) क्या ब्लोगिंग से आपके अन्य आवश्यक कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं होता ?
अब स्वास्थ्य के कारण बोझ लगता है।
(११) यदि होता है तो उसे कैसे प्रबंध करते है ?
झेल लेने की जुगत बना रहा हूं।
(१२)क्या इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना चाहिए ?
हां।
(१३)आपको क्या ऐसा महसूस होता है कि हिंदी ब्लोगिंग में खेमेवाजी बढ़ रही है ?
हां, यह तो है!
(१४)तो क्या यह हिंदी चिट्ठाकारी के लिए अमंगलकारी नहीं है ?
पता नहीं, कितना चलेगी हिन्दी ब्लॉगिंग!
(१५) आप कुछ अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बताएं :
मेरे ब्लॉग पर जो है, व्यक्तिगत ही है।
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ज्ञान जी , आपने अपना बहुमूल्य समय दिया ब्लोगोत्सव को .....इस अवसर पर ऋग्वेद की दो पंक्तियां आपको समर्पित है कि - ‘‘आयने ते परायणे दुर्वा रोहन्तु पुष्पिणी:। हृदाश्च पुण्डरीकाणि समुद्रस्य गृहा इमें ।।’’अर्थात आपके मार्ग प्रशस्त हों, उस पर पुष्प हों, नये कोमल दूब हों, आपके उद्यम, आपके प्रयास सफल हों, सुखदायी हों और आपके जीवन सरोवर में मन को प्रफुल्लित करने वाले कमल खिले। |
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प्रस्तुति : रवीन्द्र प्रभात
12 comments:
ज्ञान जी को कोटिश: बधाईयाँ और शुभकामनाएं !
ज्ञान जी को बहुत बहुत बधाई !
बहुत बहुत बधाई ज्ञान जी !
बहुत बहुत बधाई !
क्या छक्के को मारा है आपने रविन्द्र सर ! सीधे बाउंड्री के पार!!
शुभकामनाएं !
ज्ञानदत्त जी को बहुत बधाई व शुभकामनायें ...!
हार्दिक बधाई.
ज्ञान जी को बहुत बधाई और शुभकामनाएं.
ज्ञान की गंगा बहाने वाले ज्ञान जी को बहुत बधाई और शुभकामनाएं...
जय हिंद...
आदरणीय पाण्डे जी हिन्दी के एक अति- सम्माननीय ब्लॉगर हैं। उनका सम्मान करने से यह सम्मान स्वयम् सम्मानित हुआ है।
आयने ते परायणे दुर्वा रोहन्तु पुष्पिणी:।
हृदाश्च पुण्डरीकाणि समुद्रस्य गृहा इमें ।।
हार्दिक बधाई!
हार्दिक बधाई. शीध्र नियमित लेखन की कामना सहित.
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