एम्. वर्मा वाराणसी में पले-बढे और दिल्ली में अध्यापनरत हैं । जब कभी ये दिल की गहराई में कुछ महसूस करते हैं तो उसे कविता के रूप में पिरो देते हैं। अभिनय भी इनका शौक है।ब्लोगोत्सव के दौरान इन्होनें दो कविताएँ प्रेषित की किन्तु समापन सन्निकट होने के कारण इनकी एक कविता ही ब्लोगोत्सव में शामिल हो पायी ....छोटकी बेमार बा बाकी सब ठीक हौ । इस भोजपुरी कविता को वर्ष की श्रेष्ठ क्षेत्रीय कविता के रूप में चुनाव करते हुए उन्हें वर्ष के श्रेष्ठ क्षेत्रीय कवि के रूप में अलंकृत करते हुए ब्लोगोत्सव की टीम ने सम्मानित करने का निर्णय लिया है ।"जानिये अपने सितारों को" के अंतर्गत आज प्रस्तुत है इनसे पूछे गए कुछ व्यक्तिगत प्रश्नों के उत्तर- |
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(१) नाम :
एम. वर्मा
(२) पिता/माता का नाम/जन्म स्थान :
पिता का नाम : स्व. श्री रंग बहादुर वर्मा,
ज़न्म स्थान : वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
(३) वर्तमान पता :
बी 208, अवंतिका रोहिणी, सेक्टर – 1, दिल्ली
ई मेल का पता :
hamara8829@hotmail.com
टेलीफोन/मोबाईल न.
011-27516766, 09818330191
(४) आपके प्रमुख व्यक्तिगत ब्लॉग :
http://ghazal-geet.blogspot.com/ जज़्बात
http://www.phool-kante.blogspot.com/ यूरेका
http://www.verma8829.blogspot.com/ प्रवाह
(५) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त अन्य ब्लॉग पर गतिविधियों का विवरण :
अपने ब्लाग पर ही ज्यादा सक्रियता है. अविनाश जी के ब्लाग नुक्कड़ पर कभी कभार कुछ पोस्ट कर देता हूँ.
(६) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त आपको कौन कौन सा ब्लॉग पसंद है :
बहुत सारे ब्लाग हैं किस किस का नाम लूँ.
(७) ब्लॉग पर कौन सा विषय आपको ज्यादा आकर्षित करता है?
कविताएँ सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं. वैसे पढ़ता हूँ हर तरह के विषय.
(८) आपने ब्लॉग कब लिखना शुरू किया ?
28 अप्रैल 2009 से
(९) यह खिताब पाकर आपको कैसा महसूस हो रहा है ?
बहुत अच्छा
(१०) क्या ब्लोगिंग से आपके अन्य आवश्यक कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं होता ?
अवरोध उत्पन्न तो होता ही है पर ...... वैसे मेरे लिये ब्लागिंग भी आवश्यक में ही आता है.
(११)होता है तो उसे कैसे प्रबंध करते है ?
शयन के समय में कुछ कटौती करके.
(12) ब्लोगोत्सव जैसे सार्वजनिक उत्सव में शामिल होकर आपको कैसा लगा ?
सुखद और प्रेरक.
(13) आपकी नज़रों में ब्लोगोत्सव की क्या विशेषताएं रही ?
विविधता ब्लागोत्सव की प्रमुख विशेषता थी. हर तरह के रचनाओं तथा रचनाकारों को पहचान मिली. ब्लागोत्सव ने ब्लागरों को पहचान देने की पहल की है. यह परम्परा बरकरार रहे इसकी कामना है.
(14) क्या इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना चाहिए ?
उत्सव तो हर वर्ष ही आयोजित होने चाहिये.
(15) आपको क्या ऐसा महसूस होता है कि हिंदी ब्लोगिंग में खेमेवाजी बढ़ रही है ?
शायद जिसे हम खेमेबाजी समझ रहे हैं वह ब्लागिंग की स्वाभाविक प्रक्रिया हो.
(16)तो क्या यह हिंदी चिट्ठाकारी के लिए अमंगलकारी नहीं है ?
द्वन्द कुछ नया और अतिरिक्त ही देगा. द्वन्द को सार्थक रखने के लिये ब्लागोत्सव जैसे प्रयासों की प्रसंशा के लिये शब्द गढ़ने होंगे.
(17) आप कुछ अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बताएं :
कोई खास नहीं. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है. शुरू से ही लेखन कार्य से जुडे रहने के अतिरिक्त अभिनय में भी कभी कभार हाथ आजमा लेता हूँ. दिल्ली में शिक्षण कार्य में संलग्न हूँ. थोड़े उतार चढाव तो जीवन के अंग हैं ही.
(18) चिट्ठाकारी से संवंधित क्या कोई ऐसा संस्मरण है जिसे आप इस अवसर पर सार्वजनिक करना चाहते हैं ?
चिट्ठाकारी ने जो अनुभव दिया है वह बहुत ज्यादा है. मुझे यहाँ एक समृद्ध परिवार नज़र आता है. कितनों से तो बिना मिले ही ऐसा लगता है कि कितने करीब हैं.
आपका बहुत बहुत धन्यवाद वर्मा जी |
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जी आपका भी धन्यवाद !
प्रस्तुति: रवीन्द्र प्रभात
7 comments:
वर्मा जी को ढेर सारी बधाईयाँ और शुभकामनाएं !
बधाईयाँ और शुभकामनाएं
वर्मा जी को बहुत-बहुत बधाईयाँ !
वर्मा जी को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.
बहुत बहुत बधाई
शुभकामनाओ के साथ बहुत बहुत बधाई.
वर्मा जी को बहुत बहुत बधाई।स्वतंत्रता दिवस कि ढेर सारी शुभकामनाएँ
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