विनय प्रजापति पेशे से सौफ्टवेयर ईन्जीनियर हैं और साहित्य सृजन से गहरे जुड़े हैं . जब ब्लोगोत्सव की परिकल्पना की गयी थी, तो इन्होने इस महायज्ञ में सहयोग करने का वचन ही नहीं दिया अपितु दो कदम आगे बढ़कर ब्लोगोत्सव के पन्ने को सजाया भी . साथ ही इन्होनें ब्लोगोत्सव को कैसे आकर्षक बनाए रखा जाए इस पर गहन मंत्रणा भी टीम के साथ की .इस अशश्वी चिट्ठाकार के तकनीकी कौशल को आधार मानते हुए और ब्लोगोत्सव के दौरान उनके द्वारा दिए गए अवदान के दृष्टिगत उन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने वर्ष के श्रेष्ठ तकनीकी चिट्ठाकार का अलंकरण देते हुए लोक्संघर्ष परिकल्पना सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया है , "जानिये अपने सितारों को " के अंतर्गत प्रस्तुत है आज उनसे पूछे गए कुछ व्यक्तिगत प्रश्नों के उत्तर- |
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(१) पूरा नाम : विनय प्रजापति / Vinay Prajapati
उपनाम : नज़र / फ़लाना
(२) जन्म स्थान : लखनऊ
(३) वर्तमान पता : गोमती नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारतवर्ष - 226010
ई मेल का पता : vinayprajapati@ya.ru / vinay@live.co.kr / perfectvinay@gamil.com / vinayprajapati@aol.in
टेलीफोन/मोबाईल न. +91-9794289797
(४) आपके प्रमुख व्यक्तिगत ब्लॉग :
तख़लीक़-ए-नज़र : http://vinayprajapati.wordpress.com
गुलाबी कोंपलें : http://pinkbuds.blogspot.com
चाँद, बादल और शाम : http://prajapativinay.blogspot.com
तकनीक दृष्टा : http://techprevue.blogspot.com
Petals of Time : http://petalsoftime.tumblr.com
Petals of time : http://vinayprajapati.soup.io
(५) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त अन्य ब्लॉग पर गतिविधियों का विवरण :
विज्ञान : http://vijnaan.charchaa.org
भारत चर्चा : http://www.charchaa.org
Tech Prevue Friends Community : http://www.masterofdevils.com
Science Bloggers Association : http://sb.samwaad.com
आनंद बक्षी : http://anandbakshi.blogspot.com
ग़ज़लों के खिलते गुलाब : http://ghazalen.blogspot.com
ब्लॉगोत्सव 2010 : http://utsav.parikalpnaa.com
(६) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त आपको कौन कौन सा ब्लॉग पसंद है :
बहुत से ब्लॉग हैं किस-किस का नाम लूँ? बड़ा ही कठिन प्रश्न है। लेकिन जिस ब्लॉग का नाम सबसे पहले याद आता है वह है
बेजी जयसन का मेरी कठपुतलियाँ : http://bejijaison.blogspot.com/ )
इस ब्लॉग के अतिरिक्त अन्य कुछ ब्लॉग जो मुझे पसंद हैं:
Rhythm of words : http://rhythmofwords.blogspot.com
Science Bloggers Association : http://sb.samwaad.com
Science is Interesting : http://entertainingscience.blogspot.com
Mera Samast : http://www.merasamast.com
परिकल्पना :http://www.parikalpnaa.com
मेरी भावनायें : http://lifeteacheseverything.blogspot.com
हरकीरत ' हीर' : http://harkirathaqeer.blogspot.com
सुशीला पुरी : http://sushilapuri.blogspot.com/
उच्चारण : http://uchcharan.blogspot.com
whimsical : http://vimi-whimsical.blogspot.com
और अन्य बहुत से...
(७) ब्लॉग पर कौन सा विषय आपको ज्यादा आकर्षित करता है?
कविताएँ, विज्ञान लेख, विज्ञान गल्प, तकनीकि लेख, रोचक विवरण/संस्मरण
(८) आपने ब्लॉग कब लिखना शुरू किया ?
ब्लॉग लिखने की शुरुआत तो 2001 से की लेकिन ब्लॉग डिज़ाइनिंग के उद्देश्य से। कभी कुछ सीरियस होकर नहीं किया। ब्लॉग बनाये और मिटाये बस यही करता रहा। लेकिन आनलाइन ब्लॉग डायरी बनाने के उद्देश्य से 2007 में तख़लीक़-ए-नज़र ब्लॉग का उद्भव हुआ। जिसमें बचपन से 2005 तक की रचनाएँ मैंने सहेजीं और फिर उसे अपने मित्रों के लिए आनलाइन खोल दिया। फिर उपरोक्त ब्लॉग बनाये और एक तकनीकि ब्लॉग भी प्रारंभ किया जिससे सभी/नये ब्लॉगर मित्रों की सहायता कर सकूँ।
(९) यह खिताब पाकर आपको कैसा महसूस हो रहा है ?
पुरस्कार किसे आकर्षित नहीं करते और कौन उन्हें प्राप्त नहीं करना चाहता। मुझे आपने इसके लिए उपयुक्त समझा इसके लिए आपका सहृदय धन्यवाद करता हूँ।
(१०) क्या ब्लोगिंग से आपके अन्य आवश्यक कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं होता ?
होता है और बहुत होता है इसके लिए घर में सबकी सुननी भी पड़ती है। आदत है छोड़ नहीं पा रहा हूँ। फिर भी काफ़ी अंकुश लगा लिया है और अब दो हफ़्ते में एक बार ही ब्लॉगिंग हो पाती है। लेकिन मित्रों के फ़ोन उसे बराबर कर देते हैं। यार ये कैसे होता है? यार यह अभी सही था अभी बिगड़ गया! यार उसके ब्लॉग पर यह नया क्या है? यार तुमको मालूम है वह तो उसके बारे में यह कह रहा है, ज़रा पढ़के बताओ और टिप्पणी भी कर देना इत्यादि। यार मैं नन्हीं सी जान हूँ, बख़्श दो।
यदि होता है तो उसे कैसे प्रबंध करते है ?
देर रात तक जगना और कम सोना ही इसका प्रबंधन है।
(११)ब्लोगोत्सव जैसे सार्वजनिक उत्सव में शामिल होकर आपको कैसा लगा ?
यह एक नया अनुभव है इसे शब्दों में कहना या बताना कठिन है। इसकी सफलता ही इसके बारे में सब कुछ कह देती है।
(१२) आपकी नज़रों में ब्लोगोत्सव की क्या विशेषताएं रही ?
सभी ब्लागरों ने इसमें सम्मिलित होकर हिन्दी ब्लॉग जगत की एकता को परिभाषित किया है।
(१३) ब्लोगोत्सव में वह कौन सी कमी थी जो आपको हमेशा खटकती रही ?
मुझे तो कोई कमी नहीं महसूस हुई। सब इतना ढंग से हुआ कि ऐसा लगा ही नहीं कि यह आयोजन पहली बार किया गया हो। लेकिन इतना कहूँगा कि आपको लेखों में आगे और भी विविधता दिखेगी और हम इसे तकनीकि दृष्टि से और भी कुशल करेंगे।
(१४) ब्लोगोत्सव में शामिल किन रचनाकारों ने आपको ज्यादा आकर्षित किया ?
सभी ने, सभी की कृतियाँ बहुत अच्छी थीं। किसी एक का नाम लेकर दूसरे का हृदय तोड़ना मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा।
(१५) किन रचनाकारों की रचनाएँ आपको पसंद नहीं आई ?
सभी रचनाएँ अच्छी होती है, आवश्यकता है उसे मूल भाव को समझने की।
(१६) क्या इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना चाहिए ?
अवश्य, इससे ब्लागरों के मध्य अपनत्व बढ़ता है।
(१७) आपको क्या ऐसा महसूस होता है कि हिंदी ब्लोगिंग में खेमेवाजी बढ़ रही है ?
स्वयं को ब्लॉग महंत समझना मूर्खता के अतिरिक्त कुछ नहीं है। हमें सबके प्रति सम्मान की भावना रखनी चाहिए और आपसी प्रेम को बढ़ावा देना चाहिए।
(१८) क्या यह हिंदी चिट्ठाकारी के लिए अमंगलकारी नहीं है ?
खेमेवाजी एक सड़ी मछली की तरह है जो सारे ब्लॉग तालाब को गंदा करती है।
(१९) आप कुछ अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बताएं :
मैं अपने बारे में एक ही बात कह सकता हूँ : "I'm a wayward child with the weight of world." । मैं मूलत: लखनऊ शहर का निवासी हूँ और इस शहर से मुझे बहुत प्यार है। मुझे पेटिंग, पतंगबाजी, शायरी और तकनीकि विषयों में रुचि है। जिन्हें आप मेरे ब्लॉगों पर अनुभव सकते हैं। मेरी शिक्षा रानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल सीनियर सेकेण्डरी स्कूल से हुई है। मैंने सन् 2005 में सरोज इंस्टीट्यूट आफ़ टेकनोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट (http://www.seglko.org/) से बी.टेक (इलेक्ट्रानिक्स और कम्यूनिकेशन) किया है। तत्पश्चात बदल-बदलकर तकनीकि नौकरियाँ की हैं। इस वर्ष (2010 में) मैंने राष्ट्रीय फ़ैशन टेक्नोलॉजी संस्थान (http://www.nift.ac.in) में एम.टेक (फ़ैशन टेक्नोलॉजी) में प्रवेश लिया है। आगे का भविष्य यहीं से निर्धारित होगा। आपके आशीर्वाद, शुभकामना और प्रेम की अभिलाषा है। मेरे बारे में बताने को बस इतना ही है।
(२०) चिट्ठाकारी से संवंधित क्या कोई ऐसा संस्मरण है जिसे आप इस अवसर पर सार्वजनिक करना चाहते हैं ?
ऐसा कोई संस्मरण अभी तक तो नहीं है, जब होगा तब अवश्य ही आपसे साझा करूँगा। बस एक ही बात कहूँगा कि ब्लॉगिंग के ज़रिए बहुत से नये मित्र बने जिनसे बहुत कुछ जानने समझने और सीखने को मिला।
(२१) अपनी कोई पसंदीदा रचना की कुछ पंक्तियाँ सुनाएँ : (यदि आप चाहें तो यहाँ ऑडियो/विडिओ का प्रयोग भी कर सकते हैं )
मुझे याद नहीं पर शायद यह मेरी पहली नज़्म हैं जो मैंने इक दिलरुबा ख़ूब-रु की याद में लिखी थी।
(http://vinayprajapati.wordpress.com/2007/09/16/गुलाबी-सफ़ेद बादलों में/)
गुलाबी-सफ़ेद बादलों में
कल सुनहरा चाँद देखा
ख़्याल आया
शायद तुम हो
फिर याद आया
तुम यहाँ नहीं
उसी में महसूस कर लिया
मैंने तुमको
कि शायद -
तुमने भी देखा हो उसे…
शायिर: विनय प्रजापति ‘नज़र’
लेखन वर्ष: १९९८
बहुत बहुत धन्यवाद आपका विनय जी .....इस अवसर पर ऋग्वेद की दो पंक्तियां आपको समर्पित है कि - ‘‘आयने ते परायणे दुर्वा रोहन्तु पुष्पिणी:। हृदाश्च पुण्डरीकाणि समुद्रस्य गृहा इमें ।।’’अर्थात आपके मार्ग प्रशस्त हों, उस पर पुष्प हों, नये कोमल दूब हों, आपके उद्यम, आपके प्रयास सफल हों, सुखदायी हों और आपके जीवन सरोवर में मन को प्रफुल्लित करने वाले कमल खिले। |
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प्रस्तुति: रवीन्द्र प्रभात
9 comments:
बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.
विनय जी को बहुत-बहुत बधाईयाँ !
बहुत-बहुत बधाईयाँ !
विनय जी को बधाई !
विनय जी को बहुत-बहुत बधाईयाँ !
हार्दिक बधाई!
बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.
thanks to all of you!
हार्दिक बधाई।
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