क्या सचमुच हमारी भावनात्मक एकता कमजोर हो रही है ? क्या सचमुच हमारी भावनात्मक एकता कमजोर हो रही है ?

नि:संदेह भारत ने एक संप्रभुता संपन्न राष्ट्र के रूप में बड़ी-बड़ी उपलब्धियां प्राप्त की । आई टी सेक्टर में दुनिया में उसका डंका बजा । चिकित्सा...

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11:20 am

परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण में आज परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण में आज

जी हाँ , परिकथा के नवंबर-दिसंबर अंक में प्रवक्ता, अनवरत, हिंद युग्म की हिंदी खबर, चिट्ठा चर्चा, औब्जेक्सन मी लॉर्ड, जगदीश्वर चतुर्वेदी के...

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6:25 pm

आप भी शामिल हो सकते हैं परिकल्पना वार्षिक ब्लॉग विश्लेषण में आप भी शामिल हो सकते हैं परिकल्पना वार्षिक ब्लॉग विश्लेषण में

यदि आप सक्रिय ब्लोगर हैं और सार्थक ब्लोगिंग करते हुए सकारात्मक गतिविधियों में संलग्न हैं तो पूरे वर्ष भर के लेखा-जोखा में आप भी शामिल होईए, ...

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1:52 pm

वर्ष २०१० :ब्लोगिंग के तीव्र विस्तार से ब्लोगरों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक चुनौती पैदा हुई वर्ष २०१० :ब्लोगिंग के तीव्र विस्तार से ब्लोगरों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक चुनौती पैदा हुई

हिंदी ब्लोगिंग वर्ष-२०१० में ७ वर्ष पूर्ण कर चुकी है । यह सुखद पहलू है कि विगत कई वर्षों की तुलना में वर्ष-२०१० में हिंदी ब्लोगिंग समृद्धि क...

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12:30 pm

चिट्ठियाँ / आशीर्वचन / सन्देश .....ब्लोगोत्सव के लिए चिट्ठियाँ / आशीर्वचन / सन्देश .....ब्लोगोत्सव के लिए

प्रख्यात चित्रकार इमरोज ने कहा - किसी उपनिषद् की तरह है यह परिकल्पना ! अपने आप को गीत गाने दो अपने आप को सुनने दो हम काफी हैं अपना आप गाने क...

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6:30 pm

दुर्लभ मौका आपने गवाँ दिया न्यायाधीष महोदय! दुर्लभ मौका आपने गवाँ दिया न्यायाधीष महोदय!

अभी तक हम भ्रष्टाचार के मुद्दों पर बात कर रहे थे , अचानक सुमन जी ने अयोध्या मसले पर विनीत तिवारी के विचारों को ला पटका है , तो आईये पहले विन...

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6:48 pm

बदलाव ज़रूरी है…. बदलाव ज़रूरी है….

....गतांक से आगे बढ़ते हुए ....... पिछले अंक में कतिपय विचारकों ने सिस्टम बनाने की बात की,किन्तु जहां तक सिस्टम बनाने की बात है तो इस सन्दर्...

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1:24 pm

भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ? भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?

देश की सबसे बड़ी समस्या क्या है? इस पर भिन्न-भिन्न लोगों के अलग-अलग मत हो सकते हैं, पर कहा गया है कि सबसे बड़ी समस्या वह होती है, जिसे लोग समस...

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1:07 pm

बदलते दौर में साहित्य बदलते दौर में साहित्य

श्री कृष्ण कुमार यादव डाक विभाग में निदेशक के पद पर कार्यरत है। आजकल अंडमान -निकोबार दीप समूह, पोर्टब्लेयर में रह रहे हैं । यह हिंदी के प्र...

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5:25 pm

परिचर्चा :लौटा दे वो बचपन परिचर्चा :लौटा दे वो बचपन

बचपन.........मछली मछली कित्ता पानी.......कौन खायेगा जलेबी?-हम, मैंने पहले कहा,मैंने....... एक था राजा , राजा की 4 बेटियाँ ..........'...

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4:28 pm
 
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