tag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post8564829945722786940..comments2023-09-05T21:18:29.709+05:30Comments on ब्लॉगोत्सव २०१०: ग़ज़ल प्रस्तुति : फूल जैसे बचपने में खेली पली है जिन्दगी..रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-80072300926532155552010-04-18T11:02:48.459+05:302010-04-18T11:02:48.459+05:30धन्यवाद रविन्द्र जी और इस उत्सव के लिये शुभकामनअये...धन्यवाद रविन्द्र जी और इस उत्सव के लिये शुभकामनअयेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-56732601880677055462010-04-17T19:41:05.969+05:302010-04-17T19:41:05.969+05:30बहुत उम्दा रचना निर्मला जी की और उस पर से सुनील जी...बहुत उम्दा रचना निर्मला जी की और उस पर से सुनील जी का स्वर और प्रस्तुति..चार चांद लग गये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-70305548581835762342010-04-15T23:08:57.416+05:302010-04-15T23:08:57.416+05:30खूबसूरत स्वर में एक सुंदर ग़ज़ल...बहुत कर्णप्रिय ल...खूबसूरत स्वर में एक सुंदर ग़ज़ल...बहुत कर्णप्रिय लय ...सुनकर अच्छा लगा....विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-66781220286508467732010-04-15T19:11:07.756+05:302010-04-15T19:11:07.756+05:30... बेहद सराहनीय कदम ... शानदार प्रस्तुति .... बधा...... बेहद सराहनीय कदम ... शानदार प्रस्तुति .... बधाईंया व शुभकामनाएं !!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-18657360145197094322010-04-15T18:02:09.579+05:302010-04-15T18:02:09.579+05:30बहुआयामी परिकल्पना को साकार होते देख रहा हूँ हर कर...बहुआयामी परिकल्पना को साकार होते देख रहा हूँ हर करवट में ! <br />पहले दिन की हर प्रस्तुति उतर रही है मन में ! सोच रहा हूँ इस उत्सव का मूल्य !<br />निर्मला जी की इस गज़ल का बेहद प्रभावी गायन ! सुनील जी का आभार ! <br />उभर-चमक रहे हैं ब्लॉग-रत्न ! साकार हो रही है परिकल्पना !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-64142232599408928562010-04-15T17:58:09.611+05:302010-04-15T17:58:09.611+05:30कमाल की ग़ज़ल और उतना ही मधुर स्वर ....
सोने पर सु...कमाल की ग़ज़ल और उतना ही मधुर स्वर ....<br />सोने पर सुहागा ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-16433595822021225732010-04-15T16:05:38.097+05:302010-04-15T16:05:38.097+05:30निर्मला जी की ग़ज़ल को सुनील ने जिस तरह पेश किया ह...निर्मला जी की ग़ज़ल को सुनील ने जिस तरह पेश किया है उस की गुणवत्ता में उछाल आ गया।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-20888101116380833462010-04-15T14:15:28.547+05:302010-04-15T14:15:28.547+05:30parikalpna saakaar roop le rahi hai... kapila ji k...parikalpna saakaar roop le rahi hai... kapila ji ke shabdo ki kamvedna ko aur bhi jiwant kar diya hai dogra ji ne! Hindi blogging ke itihaas me ek naya adhyaya hai parikalpna! kalpana se kahi aageअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-39477672879832516542010-04-15T13:17:38.216+05:302010-04-15T13:17:38.216+05:30बचपन की कोमलता से आग सी ज़िन्दगी के दर्द को जितने ...बचपन की कोमलता से आग सी ज़िन्दगी के दर्द को जितने संवेदित ढंग से निर्मला जी ने लिखा है,<br />सुनील जी ने उतनी ही कशिश से उसे उभारा है.... हादसों की गठरी खुली तो आखिर इस उत्सव में<br />, समय ने पेश तो किया इसे हमारे बीचरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com